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- एजेंसी, मुम्बई
दो साल पहले ‘बजरंगी भाई जान’ और फिर ‘सुल्तान’ को जबर्दस्त ईदी मिलने के बाद मान लिया गया था कि सलमान और ईद सफलता की गारंटी है। इस जुगलबंदी से मिली सफलता से सलमान ने भ्रम पाल लिया कि फिल्म कैसी भी हो ईद पर रिलीज होगी तो सुपर हिट तो होगी ही। दो साल पहले तीन दिन में सौ करोड़ रुपए, नौ दिन में दो सौ करोड़ और दूसरा हफ्ता बीतते बीतते सिर्फ भारतीय बाक्स आफिस से ढाई सौ करोड़ रुपए से ज्यादा बटोर कर ‘बजरंगी भाईजान’ से यह भ्रम पला।
भारत समेत पचास देशों में करीब छह हजार प्रिंट, उस पर सेटेलाइट व डिजिटल अधिकार की बड़ी बोली और फिल्म के प्रतीक चिन्ह वाले विभिन्न उत्पादों की मर्केंडाइज बिक्री। कुल मिला कर फिल्म का कारोबार पांच सौ करोड़ रुपए के पार गया। इस सफलता को ईद की मेहरबानी सलमान ने मान लिया। तभी तो ‘बजरंगी भाईजान’ हिट होते ही अगले दो साल की ईद पर ही अपनी फिल्में रिलीज करने का उन्होंने एलान कर दिया।
2016 की ईद पर ‘सुल्तान’ और 2017 की ईद पर ‘दबंग-3’ तय हुई। 2016 में सुल्तान आई, हिट हो गई। ‘दबंग-3’ की रूपरेखा ही नहीं बन पाई तो ‘ट्यूब लाइट’ को उसकी जगह मिल गई। मामला लेकिन फिस्स हो गया। सवाल यह उठता है कि क्या ‘बजरंगी भाईजान’ और ‘सुल्तान’सिर्फ इसलिए हिट हुई क्योंकि वह ईद पर रिलीज हुई। फिल्मों की जो विषय वस्तु थी और उसे जिस संवेदनशील तरीके से फिल्माया गया उसे देखते हुए फिल्म कभी भी आती तो सराही जाती।
कोई खास दिन फिल्म की सफलता की अगर गारंटी होता तो ‘बजरंगी भाईजान’ से एक हफ्ते पहले रमजान के दिनों में रिलीज हुई ‘बाहुबली’ उससे ज्यादा कमाई नहीं कर पाती। रमजान के दिनों में कोई बड़ी फिल्म रिलीज करना अशुभ माना जाता है। इसके बावजूद ढाई सौ करोड़ रुपए में बनी। ‘बाहुबली’ के निर्माताओं ने जोखिम मोल लिया और इसका उन्हें अच्छा खासा प्रतिफल भी मिला। साफ है कि फिल्म हिट होती है अपनी खूबियों की वजह से।
किसी खास दिन का वह मोहताज नहीं होती। ‘बजरंगी भाईजान’ भी ईद के सहारे के बिना निश्चित रूप से हिट होती। ‘तनु वेड्स मनु रिटंर्स’ तो सामान्य दिनों में रिलीज होकर भी लागत के मुकाबले कमाई के आधार पर साल की सबसे सफल फिल्म साबित हो गई। ताजा मिसाल ले तो रजनीकांत व अक्षय कुमार की फिल्म 2.0 ने रिलीज के लिए किसी खास दिन का इतंजार नहीं किया। फिर फिल्म धमाका कर गई।