इंसान किस हद तक गिर सकता है किसी को नहीं पता क्योंकि हर रोज जिस तरह से इंसानियतो को शर्मासर करने वाली खबरे सामने आती रहती हैं वो तो ये ही कहती हैं।
ऐसी ही घटना मध्य प्रदेश में घटि जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। मध्य प्रदेश में एक मजबूर पिता को सिर्फ गांव से इसलिए कर दिय गया क्योंकि उनसे बेटे की मौत पर भोज नहीं कराया।
ये खबर दिल को कचोटने वाली खबर है। चलिए आपको बताते किस तरह से मध्य प्रदेश के एक गांव की पंचायत ने एक तुगलती फरमान सुनाया।
मामला मध्यप्रदेश के छतरपुर का है। यहां किसान बृजगोपाल पटेल के15 वर्षीय बेटे की 9 मार्च को कुएं में डूबने से मौत हो गई थी।
लॉकडाउन के चलते मृत्युभोज नहीं करवा पाने के कारण पंचायत ने उन्हें समाज से निकाल दिया।
इतना ही नहीं पंचायत ने उसके यहां गांव के किसी भी व्यक्ति के आगमन और उसके सार्वजनिक कुएं से पानी भरने पर रोक लगा दी है।
बृजगोपाल पटेल पहले ही बेटे की मौत से परेशान थे। इसके बाद लॉकडाउन ने पूरे देश को घरों में कैद कर दिया। अब पंचायत ने बृजगोपाल पटेल को समाज से दूर कर दिया है।
ये मामला जब पुलिसे का पास तक पहुंचा तो पुलिस ने जांच के आदेश देत हुए आरोपियों पर बड़ी कार्रवाही करने की बात कही है।
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वास्तव में इस घटना ने समाज के घटिया रीति -रिवाजों की पोल खोल कर रख दी है। और इंसानियत को शर्मसार कर दिया है।