नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक एवं पौराणिक तीर्थ स्थल चित्रकूट में शनिवार को हरियाली अमावस्या पर्व के अवसर पर लगभग 6 लाख से अधिक श्रद्धालु चित्रकूट पहुंचे। जहां श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी नदी में डुबकी लगाकर कामदगिरि की परिक्रमा लगाई।
कई प्रकार की मांन्यताए हैं इस मंदिर की
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा में पड़ने वाला यह स्थल पौराणिकता की दृष्टि से अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यहां भगवान राम ने अपने वनवास के 14 वर्षों में साढ़े ग्यारह वर्ष बिताए थे। प्रमुख द्वार के महंत रामस्वरूपाचार्य के अनुसार आज के दिन कामतानाथ जी के दर्शन परिक्रमा और दान करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
अन्न दान करने से उनकी खेती में इजाफा होता
किसानों का मानना है कि आज के दिन अन्न दान करने से उनकी खेती में इजाफा होता है। इसलिए किसान अपने घर से चावल, दाल लेकर आते हैं और यहां उसका दान करते हैं। यहां महीने के प्रत्येक आमवस्या को मेला लगता है। और प्रत्येक अमावस्या को कई हजार श्रद्धालु पहुंच कर वहां भगवान कामदगिरी के दर्शन करते है। वहीं अगर इस स्थान की मान्यता माने तो कई प्रकार की मान्यताएं है, यह मंदिर एक प्रकार से पहाणों के ऊपर बसा है।
by ankit tripathi