नई दिल्ली। भारतीय लोगों के हिसाब से कपड़ों का मानक साइज तैयार किए जाने के केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय ने दिए हैं। इस पर राष्ट्रीय फैशन तकनीक संस्थान जल्द ही राष्ट्रीय सर्वेक्षण शुरू करेगा।इसके लिए थ्रीडी बॉडी स्कैनर के जरिये देश के छह मेट्रो शहरों में 25000 लोगों का नमूना लिया जाएगा जिसमें 30 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। एनआईएफटी के महानिदेशक शारदा मुरलीधन ने गुरुवार को भारतीय साइज के मानक तैयार किए जाने पर जानकारी देते हुए कहा कि 15 से 65 वर्ष की उम्र के लोगों पर अध्ययन किया जाएगा। इसमें पुरुषों और महिलाओं की संख्या समान होगी और इस परियोजना को 2021 तक पूरा किया जाना है।
दरअसल भारत में कपड़ो का साइज आईएसओ निर्धारित करता है,लेकिन केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी के निर्देश के बाद अब भारतीय खुद मानक साइज निर्धारिक कर सकेंगे। बता दे कि आईएसओ पड़ों के निर्माण में मदद करता हैं और कपड़े और पुतला बनाने के लिए विभिन्न आबादी के आकार और आकृति प्रोफाइल का विकास करते हैं, कपड़ों के क्षेत्र में बदलावों को प्रतिबिंबित करने के लिए संशोधित किए गए हैं और दुनिया भर के संदर्भों के संदर्भ में आकार अंकन और व्यापारिक बाधाओं को दूर करने के लिए संशोधित किए गए हैं। अलग-अलग आकार के प्रोफाइल के कारण ब्रांड और देश के आकार भिन्न होते हैं। 1 9वीं शताब्दी के मध्य में मानकीकृत आकार के साथ “रेडी-टू-वेशर” कपड़ों के वस्त्रों के अनुपात और आयाम में लगातार बदल रहे हैं।