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लॉकडाउन के कारण बाहर फंसे बिहारी आप्रवासियों की समस्‍याओं को लेकर  तेजस्‍वी यादव ने खड़े किए नीतीश कुमार पर सवाल

तेडस्वी लॉकडाउन के कारण बाहर फंसे बिहारी आप्रवासियों की समस्‍याओं को लेकर  तेजस्‍वी यादव ने खड़े किए नीतीश कुमार पर सवाल

पटना। कोरोना संक्रमण को रोक इसकी चेन को तोड़ने के लिए पूरे देश में तीन मई तक लॉकडाउन है। इस दौरान लाखों बिहारी आप्रवासी घरों की ओर पलायन कर गए, लेकिन बड़ी संख्‍या में आप्रवासी कामगार व छात्र अभी भी दूर के राज्‍यों में फंसे पड़े हैं। उन्‍हें लेकर बिहार की नीतीश सरकार लॉकडाउन समाप्‍त होने तक उन्‍हें वहीं पर जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के पक्ष में है। इन अप्रवासी बिहारियों को लेकर अब बिहार में सियासत गरमाती दिख रही है। बाहर फंसे आप्रवासियों की समस्‍याओं को लेकर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व राष्‍ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्‍वी यादव ने नीतीश सरकार पर सवाल खड़े किए तथा उन्‍हें राजधर्म का पाठ पढ़ाया। जवाब में सत्‍ताधारी जनता दल यूनाइटेड ने भी पलटवार किया है।

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव ने ट्वीट कर सवाल किया है कि बिहार सरकार अनिर्णय की स्थिति में क्यों हैं? अप्रवासी मजबूर मजदूरों और छात्रों से इतनी बेरुखी भरा व्यवहार क्यों है? बिहार में तीन दिनों में तीन गरीब मजदूरों की मृत्यु हो चुकी है। उनके प्रति असंवेदनशीलता क्यों है?

तेजस्‍वी यादव ने कोटा में फंसे उत्‍तर प्रदेश के छात्रों को वहां से निकालने के यूपी सरकार के फैसले की सराहना करते हुए एक और ट्वीट में लिखा है कि बिहार के हजारों छात्र कोटा के जिलाधिकारी से विशेष अनुमति लेकर आए, लेकिन बिहार सरकार ने उन्हें राज्‍य की सीमा पर ही रोक दिया। विद्यार्थी हो या अप्रवासी मजदूर, बिहार सरकार ने संकट में सभी को त्याग दिया है।

एक अन्‍य ट्वीट में तेजस्‍वी ने मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को राजधर्म का पाठ भी पढ़ाया है। उन्‍होंने लिखा है कि अप्रवासी राज्य के मानव संसाधन हैं। ये सभी कुशल, अर्द्ध कुशल व अकुशल श्रमिक राज्य के कमाऊ पूत हैं, जो राज्य की अर्थव्यवस्था में प्रतिवर्ष 50 से 60 हजार करोड़ का अंशदान देते हैं। उन्हें संकट की घड़ी में राज्य द्वारा इस तरह छोड़ देना नैतिकता, मानवता और राजधर्म के विरुद्ध है।

तेजस्वी के ट्वीट अटैक का जेडीयू ने ताबड़तोड़ जवाब दिया। जेडीयू के प्रवक्ता निखिल मंडल ने तेजस्‍वी को चिंता नहीं करने की नसीहत देते हुए कहा कि जो लोग बाहर से बिहार आए हैं या जो बिहार के बाहर हैं, नीतीश सरकार उनका पूरा ध्‍यान रख रही है। उनके रोजगार से लेकर रहने-खाने तक का इंतज़ाम किया गया है। निखिल मंडल ने तेजस्‍वी के बिहार से बाहर होने की बात कहते हुए तेज किया कि जब फुरसत मिले, बिहार आ जाइएगा।

जेडीयू नेता अजय आलोक ने कहा कि तेजस्वी यादव केवल बयान देते हैं। जब भी बिहार में संकट आता है, गायब हो जाते हैं। बयान का क्‍या है, कहीं से देते रहिए। उन्‍होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार सबों की चिंता करते हैं। आप भी बिहार के बाहर हैं। हमें आपकी भी चिंता है। बताइएगा,  तुरंत समस्या सुलझ जाएगी। एक अन्‍य ट्वीट में उन्‍होंने तेजस्‍वी यादव को सर्टिफायड भ्रष्‍टाचारी पार्टी से जुड़ा बता दिया।

बिहार में यह विधानसभा चुनाव का साल है। कोरोना ने चुनावी सियासत पर ग्रहण लगा दिया है, लेकिन नजरें तो चुनाव पर टिकी ही हैं। ऐसे में अप्रवासी बिहारियों की समस्याओं को लेकर सियासत होने लगी है। ये आप्रवासी बिहार विधान सभा चुनाव में महत्वपूर्ण वोट बैंक होने वाले हैं। इस कारण उनपर राजनीतिक दलों की नजर है। अगर नीतीश सरकार अप्रवासी बिहारियों की समस्‍याओं का समाधान कर दे तो एक बड़ा वोट बैंक उसके पक्ष में हो सकता है। उधर विपक्ष आप्रवासियों की नाराजगी को भुनाने में लगा है।

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