नई दिल्ली: सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर 1999 में कांग्रेस से बगावत कर एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ मिलकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का गठन करने वाले तारिक अनवर की घर वापसी हो गई है. उन्होंने शनिवार सुबह कांग्रेस का दामन थाम लिया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें पार्टी में शामिल करवाया. तारिक अनवर पांच बार बिहार के कटिहार से सांसद रह चुके हैं.
एनसीपी की नींव रखने वाले तारिक अनवर ने पार्टी को अलविदा कह दिया था. अनवर ने एनसीपी छोड़ने के साथ-साथ लोकसभा से भी इस्तीफा दे दिया था. अनवर ने 1999 में सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर कांग्रेस से बगावत कर शरद पवार के साथ एनसीपी बनाई थी.
एनसीपी छोड़ने का राफेल बना बहाना
वहीं कांग्रेस के पास बिहार में कोई बड़ा चेहरा नहीं है. ऐसे में माना जा रहा है कि वो बिहार से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं. तारिक अनवर ने राफेल मुद्दे पर शरद पवार के बयान को आधार बनाते हुए पार्टी से इस्तीफा दिया था.
तारिक अनवर ने कहा था कि शरद पवार का राफेल पर दिया गया बयान मुझे ठीक नहीं लगा. एनसीपी की तरफ से जो सफाई दी गई वो सही नहीं थी. पवार ने जब बयान दिया था तो खुद उनको सफाई देनी चाहिए थी. हालांकि उनकी तरफ से खुद कोई सफाई नहीं आई तो मैंने इस्तीफा दे दिया.
घर वापसी के पीछे छिपी है सियासत
एनसीपी छोड़ने के बाद से लगातार यह सवाल उठ रहे थे कि तारिक अनवर किस पार्टी में जाएंगे. हालांकि यही कयास लगाए जा रहे थे कि वो फिर से कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. बिहार में कांग्रेस अपने आधार को मजबूत करने की कोशिश में जुटी है, लेकिन पार्टी के पास राज्य में कोई बड़ा चेहरा नहीं है. ऐसे में तारिक अनवर को अपना राजनीतिक भविष्य कांग्रेस में सेफ नजर आ रहा है. वो ‘घर वापसी’ कर बिहार में कांग्रेस का बड़ा चेहरा बनना चाहते हैं.