नई दिल्ली। अपने परिवार वालों से अगर थोड़े दिन के लिए ही दूर जाना हो तो बिलकुल अच्छा नही लगता ऐसे में अगर कोई 41 साल बाद अपनी मां से मिले तो कैसा लगेगा उस बेटी को और मां को खासतौर पर अगर बेटी की बात करे तो मां बेटी का रिश्ता दिल के बेहद ही करीब होता हैं। इन दिनों स्वीडन से भारत आई एक महिला चर्चा का विषय बनी हुई हैं।
भारत में जन्मी स्वीडिश नागरिक नीलाक्षी एलिजाबेथ जोरेंडल 41 साल बाद अपनी मां से मिली हैं। मां बेटी की यह मुलाकात का पल भावुक करने वाला था महाराष्ट्र के यवतमाल में रहने वाली महिला ने गरीबी के चलते अपनी बेटी को स्वीडन की दंपत्ति को गोद दे दिया था उस दौरान नीलाक्षी महज तीन साल की थी।
नीलाक्षी ने जब होश संभाला तो उसकी इच्छा हुई की वह जन्म देने वाली मां से मिले पुणे की एक स्वंय सेवी संस्था की मदद से नीलाक्षी 41 साल बाद यवतमाल पहुंची और अपनी मां से मिल सकी यहां आकर उन्हें पता चला कि उनकी मां गम्भीर बीमारियों से ग्रसित हैं। और इन दिनों वह यही के अस्पताल में भर्ती हैं। दोनों एक दूसरे के गले लगकर खूब रोए ये पल बेहद भावुक करने वाला था।
नीलाक्षी को जन्म देने वालें पिता खेतों में मजदूरी करते थे सनू 1973 में खुदकुशी कर ली और इसी वर्ष नीलाक्षी का जन्म पुणे के करीब ही केडगांव में हुआ। मां ने नीलाक्षी को पंडित रामाबाई मुक्ति मिशन की पनाहगार में छोड़ दिया और खुद दूसरी शादी कर ली इसी पनाहगार से स्वीडन के दंपति ने नीलाक्षी को गोद ले लिया अंजलि ने बताया कि नीलाक्षी अपनी मां की तलाश में 1990 से भारत आ रही हैं और उन्होंने 6 बार भारत का दौरा किया।