कोलकाता। रेलवे अधिकारियों की लापरवाही के कारण दिनों-दिन हो रही दुघर्टनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। रविवार को एक बार फिर रेल प्रशासन की बड़ी लापरवाही के कारण सैकड़ों लोगों की जान बाल-बाल बची। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश के बाद हावड़ा-बालिचक ट्रेन के चालक को निलंबित किया गया।
बता दें कि बीते रविवार दोपहर 2:42 बजे मेदिनीपुर से रवाना होने वाली हावड़ा लोकल निर्धारित समय से चल रही थी, लेकिन पांशकुड़ा स्टेशन से पहले यह ट्रेन आउटर पर खड़ी हो गई। इस बीच उसी पटरी पर पीछे से आ रही बालीचक-हावड़ा लोकल ने ट्रेन को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। हादसे के बाद आक्रोशित यात्रियों ने रेलवे ट्रैक पर धरना-प्रदर्शन किया। शाम 5.30 बजे से पुनः यहां से गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो गई। हादसे में 15 लोगों को चोटें आई हैं। इनमें से दो को तमलुक अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
हालांकि दपूरे ने किसी के भी घायल होने से मना किया है। यात्रियों का कहना था कि रेल महकमे की लापरवाही के कारण यह दुर्घटना हुई। सूचना मिलने पर पहुंचे अधिकारियों के समझाने पर यात्री शांत हुए। खड़गपुर रेल मंडल के वरिष्ठ वाणिज्यिक प्रबंधक कुलदीप तिवारी ने बताया कि प्रथम द्रष्टया सिग्नल की समस्या के कारण दुर्घटना होने का अनुमान है, लेकिन पूरी जांच के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकेगा। घटना के कारणों को समझने के लिए उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया गया है।