नई दिल्ली। सरकार की तरफ से नोटबंदी के उस याचिका जिसमें कहा गया था कि नोटबंदी के लिए दायर किसी भी याचिका की सुनवाई सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में हो, पर आपत्ति जताई है, इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के अटॉनी जनरल मुकुल रोहतगी से कहा गया है कि वो इसपर स्टे के लिए ट्रांसफर पिटिशन दायर करे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को मंजूरी दे दी थी, केंद्र ने दायर की गई याचिका में कहा था कि दूसरी अदालतों में सुनवाई होने से भ्रम की स्थिति पैदा होती है इसलिए जो भी याचिका नोटबंदी के लिए आए एसकी सुनवाई सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में ही हो।
सरकार के खिलाफ अब तक दायर याचिकाएं- आपको बता दें कि नोटबंदी को लेकर सरकार के खिलाफ अब तक चार याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनमें दो दिल्ली के वकीलों विवेक नारायण शर्मा और संगम लाल पांडेय, सहित एस मुथु कुमार और आदिल अलवी ने दायर की है। सरकार के खिलाफ दायर किए गए इन याचिकाओं में कहा गया है कि सरकार ने नोटबंदी का फैसला अचानक से लिया जिसके चलते पूरे देश में अव्यवस्था का माहौल है, लोग अपने काम छोड़कर लाइनों में लगे हैं, इस फैसले से बुरी तरह से अव्यवस्था फैल गई है सबसे ज्यादा परेशान आम आदमी हो रहा है।
गौरतलब है कि इस मामले पर 25 नवंबर को कोर्ट में सुनवाई होनी है लेकिन सरकार अर्जी दाखिल कर अन्य अदालतों में अब तक के लंबित मामलों पर रो लगाने की मांग की है। इसके साथ ही केंद्र सरकार को हलफनामा दाखिल करने को कहा है जिसमें सरकार यह बताए कि आम जनता को हो रही परेशानियों को देर करने के लिए क्या क्या किया।
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