महाराष्ट्र में एक साल से चल रही राजनीतिक उठापठक आज रुक गई है । एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
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सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया। उन्होंने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया था। ऐसे में कोर्ट इस्तीफा को रद्द तो नहीं कर सकता है। हम पुरानी सरकार को बहाल नहीं कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट को गलत भी ठहराया। अब स्पीकर को शिवसेना के 16 बागी विधायकों पर जल्द फैसला करना चाहिए।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में कोई सरकार नहीं है। आज इस सरकार में नैतिकता नहीं है। जैसे मैंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया, वैसे ही इस मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। जिनको पार्टी ने सबकुछ दिया, उन्होंने गद्दारी की। मैं गद्दार लोगों के साथ सरकार कैसे चलाता।
उद्धव ठाकरे के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि राज्यपाल का निर्णय गलत है। उन्होंने ऐसे तथ्य देखे जो वहां थे ही नहीं। आज सबसे महत्वपूर्ण निष्कर्ष यह है कि स्पीकर को तुरंत फैसला लेना चाहिए था। जब व्हिप का उल्लंघन हुआ तो राज्यपाल को खुद ही बागी विधायकों को डिस्क्वॉलिफाई करना चाहिए था। व्हिप किसी पॉलिटिकल पार्टी का होता है, सरकार का नहीं। ये सही बात है कि मुख्यमंत्री ने फ्लोर टेस्ट के पहले इस्तीफा न दिया होता तो सरकार बच सकती थी, लेकिन इससे राज्यपाल की भूमिका बड़ी हो जाती है। इस लिहाज से देखें तो आज संविधानिक बेंच ने दो बड़े फैसले दिए हैं।