कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर जारी है। रोज हजारों लोग अपनों को खो रहे हैं। इसी कड़ी में मशहूर पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा का भी कोरोना से निधन हो गया। कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद से वो ऋषिकेश एम्स में भर्ती थे जहां 94 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। डॉक्टरों के मुताबिक वे डायबिटीज पेशेन्ट थे और उन्हें कोविड के साथ निमोनिया भी था।
कौन थे सुंदरलाल बहुगुणा ?
सुंदरलाल बहुगुणा का जन्म उत्तराखंड के टिहरी के एक गांव में 9 जनवरी 1927 को हुआ था। कहते हैं कि अपने जीवन काल में उन्होंने कई आंदोलनों किए। उन्होने 70 के दशक में पर्यावरण सुरक्षा को लेकर अभियान चलाया था। जिसने पूरे देश में अपना एक व्यापक असर छोड़ा।
इसी दौरान शुरू हुआ चिपको आंदोलन भी इसी प्रेरणा से शुरू किया गया अभियान था। मार्च 1974 में पेड़ों की कटाई के विरोध में स्थानीय महिलाएं पेड़ों से चिपक कर खड़ी हो गईं। जिसके बाद से ये आंदोलन चिपको आंदोलन के नाम से जाना जाने लगा।