लखनऊ। कोरोना काल में मंद हो चुकी औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को तेज करने के लिए प्रदेश सरकार ने कवायद शुरू कर दी है। इसी के तहत बीते बुधवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एमएसएमई विभाग द्वारा आयोजित ऑनलाइन स्वरोजगार संगम कार्यक्रम में 31,542 सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम इकाईयों को 2505.58 करोड़ रूपये का लोन बांटा।
बताया जा रहा है कि कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने एक जिला एक उत्पादा सामान्य सुविधा केंद्र का शिलान्यास कर इससे संबंधित पोर्टल https://diupmsme.upsdc.gov.in/en की शुरुआत की।
प्रदेश सरकार के इस प्रयास का फायदा इंडस्ट्री, विशेषकर मैन्युफैक्चरिंग इंड्रस्ट्रीज को कितना होगा या फिर आने वाले वक्त में कितना सुधार होगा इसको जानने के लिए भारत खबर संवाददाता ने आईआईए के सीनीयर वाइस प्रेसिडेंट मनमोहन अग्रवाल से बातचीत की। आइये जानते हैं उन्होंने क्या कहा।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को कितना मिला लाभ
आईआईए के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट मनमोहन अग्रवाल के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बहुत ज्यादा लाभ नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि सरकार ने एमएसएमई के नाम पर लोन बांटे हैं,लेकिन इसका फायदा हमारे किसी सदस्यों को नहीं मिला। उन्होंने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में हमारे करीब आठ हजार सदस्य हैं। उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं है कि यह ऋण किसको दिये गये हैं।
केंद्र सरकार के पैकेज से मिला लाभ
सीनीयर वाइस प्रेसिडेंट मनमोहन अग्रवाल आगे बताते हैँ कि इस तरह का ऋण प्रदेश सरकार ने करीब छ: महीने पहले भी बांटे थे,लेकिन उसका भी कितना लाभ मिला इसके बारे में कुछ खास जानकारी नहीं है,लेकिन केंद्र सरकार द्वारा उद्यमियों के लिए दिये गये कवर का फायदा मिला था।
इस इंडस्ट्रीज को मिल रहा फायदा
सीनीयर वाइस प्रेसिडेंट मनमोहन अग्रवाल के मुताबिक प्रदेश सरकार के इस कवायद से एक जिला एक उत्पाद के तहत आने वाली इंडस्ट्रीज जैसे हस्तशिल्प व कॉटन इंडस्ट्रीज को फायदा मिल रहा है। लेकिन मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की एमएसएमई को कोई फायदा मिलता हुआ नहीं दिखाई पड़ रहा है।
60 प्रतिशत इंडस्ट्रीज पर मंडरा रहा खतरा
एक स्टडी की बात करते हुये सीनीयर वाइस प्रेसिडेंट मनमोहन अग्रवाल बताते हैं कि 60 फीसदी के करीब एमएसएमई इंडस्ट्रीज बंद होने की कगार पर है। उन्होंने कहा कि बीते एक महीने में यह स्टडी हुयी हे। इस स्टडी के तहत यह बताया गया है कि कोरोना वायरस की पहली लहर ने इंडस्ट्रीज को काफी नुकसान पहुंचाया था,वहीं दूसरी लहर ने तो पूरी तहर से कमर तोड़ कर ही रख दी है।
इस तरह से प्रभावित हुयी इंडस्ट्रीज
मनमोहन अग्रवाल बताते हैं कि जब कोरोना वायरस की पहली लहर आयी तो लोगों ने सोंचा की अब दूसरी लहर नहीं आयेगी,उस दौरान केंद्र सरकार का एक पैकेज आया था,जिसके तहत लोगों ने अपने उद्योगों को चलाने के लिए लोन लिया, लेकिन बाद में वह लोन टर्म लोन में बदल गया,वहीं इधर कोरोना की दूसरी लहर आ गयी,जिससे बहुत सी युनिट चल नहीं पायी,उत्पादन हो नहीं पाया, ऐसे में लोन की ईएमआई देने में भी लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिससे साफ तौर पर इंडस्ट्रीज प्रभावित होंगी।