INS Vagir: भारतीय नौसेना में कलवरी क्लास सबमरीन यानी पनडुब्बी INS वागीर को आज यानी 23 जनवरी को शामिल हो गई है, जिससे नौसेना की ताकत में और इजाफा हुआ है।
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आईएनएस वागीर, कलावरी क्लास की पांचवी सबमरीन है। आज आईएनएस वागीर भी हिन्द महासागर की शान बन गई। वहीं, छठी और आखिरी सबमरीन वाग्शीर को 2023 के अंत तक नौसेना को सौंपे जाने की उम्मीद है। वहीं, इस सबमरीन की खूबियों को देखते हुए इसे सैंड शार्क का नाम दिया गया है। आइए जानें इस आईएनएस वागीर पनडुब्बी की खासियत…..
Vagir is a lethal platform with a formidable weapon package. Vagir is the 3rd submarine inducted into Navy in a span of 24 months. It is also a shining testimony to expertise of our shipyards to construct complex & complicated platforms: Admiral R Hari Kumar, Chief of Naval Staff pic.twitter.com/I29AOCv9dO
— ANI (@ANI) January 23, 2023
आईएनएस वागीर पनडुब्बी की खासियत
- आईएनएस वागीर पनडुब्बी 221 फुट लंबी, 40 फुट ऊँची, गहराई 19 फुट, 1565 टन वजनी है.
- आईएनएस वागीर पनडुब्बी में मशीनरी सेट अप इस तरह किया गया है की लगभग 11 किलोमीटर लंबी पाइप फिटिंग है। लगभग 60 किलोमीटर की केबल फिटिंग की गई है।
- स्पेशल स्टील से बनी आईएनएस वागीर पनडुब्बी में हाई टेंसाइल स्ट्रेंथ है जो पानी के अधिक गहराई में जाकर काम करने की क्षमता रखती है।
- वागीर पनडुब्बी 45-50 दिन तक पानी में रह सकती है।
- स्टील्थ टेक्नोलॉजी से वागीर पनडुब्बी रडार की पकड़ में नहींं आता।
- वागीर पनडुब्बी.किसी भी मौसम में कार्य करने में सक्षम है।
- आईएनएस वागीर के भीतर 360 बैटरी सेल्स है। प्रत्येक बैटरी सेल्स का वजन 750 किलो के करीब है।
- आईएनएस वागीर 6500 नॉटिकल माइल्स यानी करीब 12000 किमी का रास्ता तय करना सकता है। इसके भीतर दो 1250 केडब्ल्यू डीजल इंजन है।
- वागीर पनडुब्बी सबमरीन 350 मीटर तक कि गहरायी में भी जाकर दुश्मन का पता लगाती है। इसके टॉप स्पीड की बात करे तो ये 22 नोट्स है।