Emergency In Sri Lanka: आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने आधी रात से देश में इमरजेंसी लगाने की घोषणा कर दी है। अधिकारी ने कहा कि आपातकाल शुक्रवार मध्यरात्रि से प्रभावी होगा। श्रीलंका में लोग लगातार सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
छात्र कार्यकर्ताओं के संसद का घेराव करने की चेतावनी के बाद लगी इमरजेंसी
राष्ट्रपति की ओर से यह एलान ऐसे समय में किया गया है, जब छात्र कार्यकर्ताओं ने देश की संसद का घेराव करने की चेतावनी दी थी। देश में आर्थिक संकट से निपटने में नाकाम रही सरकार को हटाने की मांग को लेकर ट्रेड यूनियनों ने देशव्यापी हड़ताल शुरू की है।
मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे लोग
इससे पहले आर्थिक तंगी से जूझ रहे पड़ोसी देश श्रीलंका में मध्यरात्रि यानी 12 बजे (7 मई) से आपातकाल लगाने का एलान कर दिया गया था। यह जानकारी श्रीलंका की मीडिया ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के मीडिया डिवीजन के हवाले से दी थी। गौरतलब है कि श्रीलंका में हालात इतने ज्यादा खराब हैं कि लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं, जिसके चलते लगातार विरोध प्रदर्शन जारी हैं।
लगातार जारी है देशव्यापी हड़ताल
इससे पूर्व, श्रीलंका में आर्थिक संकट से निपटने में नाकाम रहे राष्ट्रपति और सरकार के इस्तीफे की मांग लेकर देश के व्यापार संघ देशव्यापी हड़ताल पर रहे। स्वास्थ्य, डाक, बंदरगाह और अन्य सरकारी सेवाओं से जुड़े ज्यादातर व्यापार संघ हड़ताल में शामिल हैं। हालांकि सत्तारूढ़ दल के समर्थक कई व्यापार संघ इसमें शामिल नहीं हैं।
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श्रीलंका में इस समय व्यापार गतिविधियां ठप पड़ी हैं और उन स्थानों पर भी सड़कें सूनी दिखती हैं, जहां आम तौर पर काफी भीड़भाड़ देखी जाती थी। ‘जॉइंट ट्रेड यूनियन एक्शन ग्रुप’ के रवि कुमुदेश ने कहा, 2000 से अधिक व्यापार संघ हड़ताल में शामिल हैं। हालांकि, आपात सेवाएं जारीह हैं। वहीं, शिक्षक संघ के महिंदा जयसिंघे ने कहा कि स्कूल के शिक्षक व प्रधानाध्यापक भी आज की हड़ताल में शामिल हैं।