जानें तारीखों में क्या हुआ पूरे मामले में
- 6 दिसम्बर 1992 को हजारों की संख्या में कार सेवकों ने बाबरी मस्जिद का विध्वंस कर दिया। इस मामले में 2 एफआईआर हुई।
- 16 दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों की जांच के लिए एमएस लिब्रहान आयोग का गठन।
- साल 1994 को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ में बाबरी मस्जिद विध्वंस से संबंधित केस चलना शुरू हुआ।
- 4 मई 2001 को इस मामले में नया मोड़ आया स्पेशल जज एसके शुक्ला ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी सहित 13 नेताओं से साजिश का आरोप हटा दिया।
- पूर्व प्रधानमत्री अटल बिहारी वाजपेई के कार्यकाल के दौरान अयोध्या विभाग का 1 जनवरी, 2002 को गठन हुआ । दोनों समुदाय के बीच आम सहमति बनाने के लिए किया गया था गठन।
- 1 अप्रैल 2002 से विवादित स्थल पर मालिकाना हक को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई शुरू की।
- 5 मार्च 2003 को हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को अयोध्या में खुदाई का निर्देश दिए।
- 22 अगस्त 2003 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने अयोध्या में खुदाई के बादहाई कोर्ट में रिपोर्ट पेश की। जिसमें 10 वी सदी के मंदिर को अवशेष मिले
- बाबरी विध्वसं मामले में मनमोहन सरकार को लिब्रहान आयोग ने जुलाई 2009 में रिपोर्ट सौंपी।
- 26 जुलाई 2010 में हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित करते हुए दोनों पक्षों को आपसी सहमति से इस मुद्दे को हल करने का समय दिया।
- 28 सितंबर 2010 को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहबाद हाई कोर्ट को विवादित मामले में फैसला देने से रोकने वाली याचिका खारिज की।
- 30 सितंबर 2010 को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया, इसमें एक हिस्सा राम मंदिर, दूसरा सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े को दिया गया।
- 9 मई 2011 को हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी।
- 21 मार्च 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने फिर आपसी सहमति से विवाद को हल करने की बात कही।
- इसके बाद 19 अप्रैल 2017 को बाबरी विध्वंस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत भाजपा के शीर्ष नोताओं और विहिप के धर्माचार्यों पर आपराधिक केस चलाने का आदेश दिया।
अजस्र पीयूष