देहरादून की सौंग बांध परियोजना को पर्यावरणीय स्वीकृति प्रदान करने के लिये मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का आभार व्यक्त किया है.
राजधानी को 24 घंटे पेयजल उपलब्ध कराने और रिस्पना नदी को पुनर्जीवन देने वाली सौंग बांध परियोजना को पर्यावरणीय स्वीकृति मिल गई है. खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह जानकारी दी और कहा कि इससे बांध के निर्माण कार्य में तेजी आएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब इस बहुप्रतीक्षित महत्वपूर्ण परियोजना पर कार्य आरम्भ होने में कठिनाई नहीं होगी. उन्होंने कहा कि ये योजना राज्य सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाओं में शामिल रही है. इस परियोजना से 2050 तक की देहरादून शहर और उसके उपनगरीय क्षेत्रों की अनुमानित आबादी को ग्रेविटी आधारित पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी. ऊर्जा उत्पादन में भी इससे मदद मिलेगी. सिंचाई के लिये पानी की उपलब्धता से कृषि उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा. लगभग 1200 करोड़ की इस परियोजना के लिये नीति आयोग से वित्तीय मदद का आग्रह किया गया है. सौंग बांध की झील लगभग 76 है. क्षेत्रफल में फैली होगी, जबकि बांध की ऊंचाई 148 मी. के आसपास होगी. इस बांध से ग्रेविटी आधारित पेयजल की आपूर्ति होगी जिससे प्रतिवर्ष बिजली के व्यय पर होने वाले करोड़ों रूपये की बचत भी होगी.