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भारत की आजादी के कुछ खास आंदोलन

Quit India 3 भारत की आजादी के कुछ खास आंदोलन

भारत छोड़ों आंदोलन

9 अगस्त 1942, यह तारीख भारत के इतिहास में भारत छोड़ों आंदोलन के शुरूआत की तारीख के नाम से कैद हो गई। जिसका लक्ष्य था भारत से ब्रितानी साम्राज्य को समाप्त करना। इस आंदोलन की शुरूआत महात्मा गांधी द्वारा किया गया था। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अखिल भारतीय कांग्रेस समिति ने मुंबई से किया था। साल 2017 में इस आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। कई जगह पर 9 अगस्त को कई सारे कार्यक्रमों का आगाज होगा। इस आंदोलन के जरिए भारत की आजादी का रास्ता खुल गया था। इस आंदोलन में महात्मा गांधी ने करो या मरो का नारा दिया था। इस आंदोलन से जेपी नारायण को राष्ट्रीय पलट दी थी और उन्हें एक क्रांतिकारी के रूप में दर्शाया था। gandhi, nehru

Quit India 3 भारत की आजादी के कुछ खास आंदोलन

गांधी जी के आगाज के बाद यह आंदोलन पूरे देश भर में हुआ था। इस आंदोलन में काफी सारे लोगों को जेल भी जाना पड़ा था। कई लोगों का घर परिवार उनसे काफी दूर चला गया था। कई लोगों ने इस आंदोलन के चलते अपने देश के लिए कुर्बानियां दी थी। लोगों के प्रति देश के लिए इतना जजबा था कि वह देश के लिए अंग्रेजों से बगावत पर उतर गए थे। भारत आने के बाद गांधी जी ने भारतीय मानस को एक करने के बाद जनांदोलन बनाने का कार्यक्रम चलाया था। जिसे भारत छोड़ों आंदोलन के नाम से बुलाया गया था। इस आंदोलन के दौरान लाल बहादुर शास्त्री ने एक नारा दिया, ‘मरो नहीं, मारो’ इस नारे ने देश के लोगों में देशभक्ति जगाने का काम किया था। क्रिप्स मिशन की विफलता के बाद गांधी जी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपना तीसरा बड़ा आंदोलन करने का फैसला किया था। लेकिन इस आंदोलन की शुरूआत में उन्हें तुरंत ही गिरफ्तार कर लिया गया था।

Quit India 2 भारत की आजादी के कुछ खास आंदोलन

यह आंदोलन महात्मा गांधी की एक रणनीति का हिस्सा था। क्योंकि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इंग्लैंड कई प्रकास से उलझ गया था। जिसके बाद नेताजी ने आजाद हिंद फौज को दिल्ली चलो का नारा दिया था। जिसके चलते 19 अगस्त 1942 को लाल बहादुर शास्त्री जी को गिरफ्तार कर लिया गया था। देश के सबसे बड़े आंदोलन के पांच साल बाद 1947 देश को आजादी मिली थी।bharat chodo andolan

Quit India 1 1 भारत की आजादी के कुछ खास आंदोलन

ब्रिटिश सरकार पर इस आंदोलन का काफी गहरा असर पड़ा था। इतने बड़े आंदोलन को खत्म करने के लिए अंग्रेजों को पूरे एक साल का वक्त लगा था। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं ने गांधी जी की गिरफ्तारी के बाद देश भर में हड़ताल पर चले गए थे। युवा कार्यकर्ताओं द्वारा जगह जगह तोड़फोड़ की जा रही थी। युवा कार्यकर्ताओं द्वारा इस आंदोलन को आगे बढ़ाया गया था। कांग्रेस में जयप्रकाश नारायण जैसे समाजवादी नेता भूमिगत प्रतिरोधियों में सबसे आगे और सबसे सक्रिय नजर आते थे। ऐसे में अंग्रेजों ने आंदोलन के प्रति काफी सख्त रवैया अपनाया था। भारत छोड़ों आंदोलन असल में जनांदोलन था जिसमें लाखों की संख्या में भारतीय लोगों ने अपनी भागीदारी दी थी। इस आंदोलन में युवा काफी आकर्षित हुए थे और इसमें युवाओं ने इस में काफी मात्रा में हिस्सा लिया था।

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