वीरेंद्र पाण्डेय
लखनऊ। राजधानी का बालू अड्डा इलाका बीते सोमवार से चर्चा में है। अब वहां नगर निगम, जल निगम, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी चक्कर लगा रहे हैं, वहां पर साफ-सफाई तथा स्वास्थ्य जैसी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करने में जुटे हैं। महापौर से लेकर प्रदेश सरकार के मंत्री भी मंगलवार को पहुंचे हैं।
यह सब कुछ इसलिए हो रहा है, क्योंकि बालू अड्डा कॉलोनी के रहने वाले करीब 80 लोग उल्टी दस्त की समस्या से पीड़ित हैं, एक बच्चे समेत दो लोगों की जान चली गई है।
इलाकाई लोगों द्वारा बताया जा रहा है कि कॉलोनी में साफ सफाई व्यवस्था ना के बराबर होती हैं, नालियां चोक रहती है, गंदे पानी की सप्लाई होती है, जब पूरी कॉलोनी में गंदे पानी की वजह से दर्जनों लोग बीमार पड़ गए, उसके बाद साफ सफाई व्यवस्था शुरू हुई।
लेकिन इस सबके बावजूद मौजूदा समय में कई जगह पर गंदगी का अंबार है, कई घरों की नालियां चोक पड़ी है, आज भी लोग नलों से आने वाले पानी को साफ करने के लिए नलों में कपड़ा बांधकर लगाते हैं।
कुल मिलाकर स्मार्ट सिटी का दावा कागजी नजर आ रहा है। बालू अड्डा शहर के बीचों बीच का इलाका है,असपास में कई बड़े सरकारी कार्यालय व आवास हैं।
कॉलोनी के रामबरन शुक्ला बताते हैं कि यहां पर गंदे पानी की सप्लाई होना आम बात है, ट्यूबवेल से जो पानी आता है, उसमें बालू की मात्रा अधिक होती है। गंदे पानी की एक वजह है कि नाले के अंदर से पानी का पाइप लाइन जा रहा है।
कंचन बताती है कि नल मे कपड़ा लगाकर सप्लाई का पानी साफ करते हैं, उसके बाद नहाने तथा खाने के लिए इस्तेमाल करते हैं, कई बार गंदे पानी की शिकायत की गई, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो शांत होना पड़ा।
बिमला बताती हैं कि उनके घर के 5 लोग बीमार हैं। सब का इलाज चल रहा है। वह भी सप्लाई का पानी पी रहे थे, लेकिन जब से यह घटना हुई, उन्होंने पानी पीना बंद कर दिया।