चंडीगढ़। कभी बीजेपी के फायर ब्रांड नेता कहलाने वाले और आज कांग्रेस के शासन में पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर गुस्से में नजर आ रहे हैं। बीजेपी ने उन पर ध्यान नहीं दिया तो वो बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए, वहीं अब वैसा ही सलूख उनके साथ कांग्रेस में भी होना शुरू हो गया है। सिद्धू ने अमृतसर सहीत तीन नगर निगम के मेयर चुनाव में अपनी अनदेखी के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय मंत्री होने के बावजूद मुझे इस कार्यक्रम से दूर रखा गया, जिसके चलते मैं काफी आहत महसूस कर रहा हूं।
उन्होंने कहा कि मैं पंजाब का स्थानीय निकाय मंत्री हूं, लेकिन एक महीने से तीन शहरों अमृतसर, जालंधर और पटियाला के मेयर चुनाव की हर प्रक्रिया से मुझे अलग रखा गया और मेयरों के चुनाव को लेकर मुझसे किसी भी तरह का कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया है। सिद्धू ने कहा कि ऐसा लगातार हो रहा है, इसी वजह से अमृतसर में मेयर के चयन को लेकर रखी गई मीटिंग में मैं नहीं गया। इससे वे काफी आहत हुए हैं। बात दे कि ये दूसरा मौका है जब सिद्धू कैप्टन सरकार पर हमलावर हुए हैं। इससे पहले उन्होंने केबल ऑपरेटर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई पर सीएम कैप्टन को आड़े हाथ लिया था।
इसी बीच ये जानकारी मिल रही है कि नवजोत सिंह सिद्धू कैबिनेट मीटिंग का बहिष्कार कर सकते हैं। पता चला है कि पार्टी के कई विधायक उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह मान नहीं रहे हैं। उन्होंने विधायकों से कहा कि वे पटियाला जा रहे हैं, हालांकि सुबह वे चंडीगढ़ में ही थे। उन्होंने चंडीगढ़ में नगर निगमों के अधिकारियों के साथ बैठक भी की। सूत्रों का कहना है कि गुप्तचर एंजेंसियों ने भी इस बारे में रिपोर्ट भेज दी है कि सिद्धू कैबिनेट मीटिंग का बहिष्कार कर सकते हैं। काबिले गौर है कि अमृतसर में दाे दिन पहले सिद्धू ने कहा था कि उन्हें मेयरों के चुनाव में नहीं बुलाया गया और बिना बुलाए तो वह केवल श्री दरबार साहिब ही जाते हैं।
वहीं दूसरी तरफ विपक्ष के नेता सुखपाल खैहरा ने सिद्धू की नाराजगी को देखते हुए उन्हें कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया है। उन्होंने कहा कि नवजोत सिद्धू अपने स्वभाव के विपरीत सरकार में दबे हुए नजर आ रहे हैं। पहले उन्हें डिप्टी सीएम नहीं बनने दिया गया। वह अकालियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की लड़ाई लडऩा चाहते थे. लेकिन उन्हें रोक दिया गया। सुखपाल खैहरा ने कहा कि सिद्धू की कांग्रेस में दाल नहीं गलेगी, ऐसे में आम आदमी पार्टी के दरवाजे उनके लिए खुले हैं।