कोरोना की दूसरी लहर से देश प्रभावित है। कोरोना वायरस पिछले साल यानि 2020 में भारत में आया था। तभी से ही इम्युनिटी को बूस्ट करने की बात कही जा रही है और इम्युनिटी बढ़ाने के लिए काढ़ा सबसे ज्यादा पीया गया है पिलाया गया है और काढ़ा पीने के लिये सबसे ज्यादा सलाह भी दी गई है। क्योंकि साफ तौर पर कहा गया कि काढ़ा हमारी शरीर की इम्यूनिटि यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है जो कि हमारे शरीर को लगने वाले रोगों से लड़ता है और हमें बचाता है।
हालांकी की कोरोना काल में काढ़ा ज्यादा चलन में आया लेकिन भारत में वैसे भी काढ़ा पीया जाता रहा है। सर्दी के मौसम में बच्चों ही नहीं बड़ों को भी खांसी और जुकाम से आराम देने के लिये काढ़े का सहारा लिया जाता है। क्योंकि सर्दी के ठंडे मौसम में काढ़ा शरीर में गर्मी पैदा करता है।
काढ़ा की तासीर होती है गर्म
जैसा की आप जानते हैं कि काढ़ा गर्म होता है और काढ़ा शरीर में गर्मी पैदा करता है। इसी बीच एक सवाल पैदा होता है कि अगर काढ़ा गर्मी पैदा करता है तो क्या इसे गर्मी के मौसम में पीना सही होगा?
क्या गर्मी के मौसम में पीना चाहिये काढ़ा?
काढ़ा एक सेहतमंद पय पदार्थ है। इसका सेवन ठंडे और शुष्क मौसम के दौरान किया जाना चाहिए। अगर कोई गर्मी के मौसम में ज्यादा काढ़ा पी लेता है, तो इससे एसिडिटी, उच्च रक्तचाप, बेचैनी, नाक से खून आना, सीने में जलन और मतली आदि जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
तो क्या गर्मी में काढ़ा बिल्कुल नहीं पीना चाहिए?
क्योंकि काढ़ा गर्म होता है और गर्मी के मौसम में ये नुकसान पहुंचाता है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि आप गर्मी में काढ़ा नहीं पी सकते। आप काढ़े को रात और शाम के समय में पी सकते हैं। वहीं काढ़े को खाली पेट नहीं पीना चाहिए इससे एसिडिटी पैदा हो सकती है। वहीं एक बार में 150 एमएल से ज्यादा काढ़ा नहीं पीना चाहिए। साथ ही साथ अगर आप घर पर काढ़ा बना रहे हैं तो काढ़े में काली मिर्च और अदरक की मात्रा कम रखें। काढ़े में शहद मिलाएं इससे एसिडिटी नहीं होगी। अगर आपको डायबिटीज है तो शहद या मुलेठी जैसी चीजों के इस्तेमाल से बचें।