कोरोना की दूसरी लहर ने सबको चिंता में डाल दिया है। लगातार बढ़ रहे मामलों से मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। लेकिन इस बीच एक ऐसी खबर सामने आ रही है जिससे यह साफ पता चल रहा है कि जिन राज्यों ने वैक्सीनेशन को प्राथमिकता दी और अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन की डोज दी, वहां पर मौत का आंकड़ा कम हुआ है। हालांकि कुछ राज्य इसके विपरीत हैं।
कम हो रही केसों की संख्या
कोरोना की दूसरी लहर का पीक अब धीरे – धीरे कम हो रहा है। लेकिन मौतों का आंकड़ा अभी भी बढ़ रहा है। ऐसे में इस बीच देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार को और बढ़ा दिया गया है। जैसे-जैसे वैक्सीन की सप्लाई हो रही है, वैसे-वैसे लोगों को टीका लगाया जा रहा है। ताकि वायरस को रोका जा सके।
कोरोना को रोकने के लिए वैक्सीनेशन जरूरी
कोरोना की दूसरी लहर आने से पहले 16 जनवरी से ही वैक्सीनेशन की शुरुआत कर दी गई थी। यह साफ देखा गया कि जिन राज्यों ने वैक्सीनेशन को प्राथमिकता दी और अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन की डोज दी, वहां पर मौत का आंकड़ा कम रहा है। हालांकि, कुछ राज्यों में वैक्सीनेशन की तेज रफ्तार के बावजूद मौत का आंकड़ा काफी रहा है।
इन राज्यों में कम रहा आंकड़ा
कोरोना के मामले सामने आने के बाद गुजरात और केरल में वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज कर दी गई थी। जिसके कारण वहां यह साफ देखा गया कि दूसरी लहर के दौरान मौत का आंकड़ा कम हुआ । दिल्ली में वैक्सीन का असर देखने को मिला है। यहां पर 19 फीसदी आबादी को वैक्सीन की एक डोज दी जा चुकी है। बावजूद इसके यहां एक लाख आबादी पर 112 लोगों की मौत हुई है. महाराष्ट्र से ही कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत हुई थी, लेकिन दिल्ली और गोवा की तुलना में यहां मौत का आंकड़ा काफी कम है। उत्तर प्रदेश और बिहार में भी वैक्सीन का असर देखने को मिला है। इन प्रदेशों में टीकाकरण कम होने के बावजूद मौतों का आंकड़ा काफी कम रहा। दोनों प्रदेशों में समय से कर्फ्यू लगाने का फायदा हुआ है।