जैसा की देश में कोरोना काल चल रहा है। इसी के साथ ही कोरोना के लेकर नई-नई खबरें सामने आती रहती हैं। इसी को लेकर विशेषज्ञों ने एक ओर खुलासा किया है।
जानकारी के मुताबिक, पुणे में राष्ट्रीय वायरोलॉजी संस्थान (एनआईवी) में भारत में कोरोनावायरस के एक नए संस्करण की पहचान की गई है। जीनोम अनुक्रमण के बाद उत्परिवर्तित तनाव की पहचान की गई है और इसे B।1।1।28।2 का नाम दिया गया है।
फेफड़ों को कर रहा प्रभावित
अध्ययन के अनुसार, नया तनाव फेफड़ों पर सबसे ज्यादा प्रभाव डालता है। ये फेफड़ों में रोग परिवर्तन, संवहनी भीड़, नकसीर और मध्यवर्ती सेप्टल मोटा के साथ साथ गंभीर निमोनिया का कारण बनता है। ब्रिटेन और ब्राजील से पहुंचने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के नाक और गले का परीक्षण करने के बाद कथित तौर पर तनाव की पहचान की गई थी।
अन्य क्या नुकसान पहुंचा है नया स्ट्रेन
आपको बता दें ये रिपोर्ट Biorxiv में प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, नया संस्करण रोगियों में गंभीर लक्षण पैदा करता है जिसमें वजन घटाने, श्वसन तंत्र में वायरल प्रतिकृति, फेफड़ों के घावों और फेफड़ों की गंभीर विकृति शामिल हैं।
दूसरी लहर के लिये ये वेरियंट जिम्मेदार
आपको बता दें इस नए वेरियंट के ट्रेसिस पिछले साल दिसंबर में ब्रिटेन से लौटे यात्रियों में पाए गए हैं और इस साल जनवरी में ब्राजील के यात्रियों से मिले। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने डेल्टा संस्करण B।1।617 को ‘variant of concern’ करार दिया था, जो कथित तौर पर भारत में वायरस की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार था।
डेल्टा संस्करण भी कथित तौर पर ब्रिटेन में प्रमुख तनाव बन गया है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा था कि परीक्षणों से संकेत मिलता है कि दोहरे टीकाकरण से लोगों को डेल्टा संस्करण के गंभीर प्रभावों से बचाया जा सकेगा।