पटना। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है एक के बाद एक लालू यादव पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। सोमवार(5-08-17) को चारा घोटले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने लालू को झटका देते हुए उन पर आपराधिक साजिश रचने का केस चलाने का आदेश सुनाया है।
हाईकोर्ट ने तय कानूनों का उल्लंघन में राहत
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने तय कानूनों का उल्लंघन करते हुए लालू को राहत दी। रांची हाईकोर्ट ने लालू यादव के खिलाफ साजिश के आरोपों को हटा दिया था। लालू पर झारखंड के चाईबासा में ट्रेजरी से अवैध निकासी के मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा दोषी ठहराया जा चुका है। ट्रायल कोर्ट ने लालू को पांच साल की जेल की सजा सुनाई थी।
क्या है मामला
दरसअल साल 1990 में चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के लिए लालू प्रसाद सहित अनेक अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उस वक्त ये बात सामने निकलकर आई खी कि लालू यादव ने चारा मामले में 950 करोड़ रुपये का घोटाला किया है। इस मामले में 20 अप्रैल को बहस होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था।
बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट ने चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी को लेकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के खिलाफ चलाए जा रहे मामले को खत्म कर दिया था। इसी मामले में सीबीआई ने कोर्ट के सामने दावा किया था कि कि अन्य अधिकारियों के साथ-साथ लालू प्रसाद भी अप्रत्यक्ष रूप से अवैध निकासी में शामिल थे।
SC ने लगाई थी फटकार
23 नवंबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले के एक अभियुक्त और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा की खिंचाई की थी। जगन्नाथ मिश्रा उस दिन सुनवाई स्थगित करना चाहते थे क्योंकि उन्होंने सीबीआई द्वारा दायर याचिका पर कोई जवाब पेश नहीं किया था। इस पर कोर्ट ने उनकी खिंचाई की। जस्टिस खेहर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि हमने आपका हलफनामा भी देखा है और हम यहां बीस साल से काम कर रहे हैं। जस्टिस खेहर ने कहा था कि आप बार-बार सुनवाई टालने की मांग करते हैं और फिर कहते हैं कि अदालतों में बहुत केस लंबित हैं।