बुधवार को राजस्थान में नागौर के सांरवदा गांव में हजारों की संख्या में जुटे राजपूत समाज के लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह मामले की जांच सीबीआई से कराने समेत अन्य मांगों को लेकर लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। इस बीच लोगों ने पुलिस पर हमला बोल दिया जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। लोगों और पुलिस के बीच यह झड़प इतनी ज्यादा उग्र हो गई थी कि इसमें नागौर पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख समेत 15 घायल हो गए। लेकिन दो पुलिसकर्मी अभी भी लापता है।
बता दें कि कुख्यात अपराधी आनंदपाल 24 जून को पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। लेकिन बुधवार को हुई पुलिस और लोगों की झड़प के बाद चुरु, बीकानेर, सीकर जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। साथ ही साथ यहां पर इंटरनेट सेवा को भी बंद कर दिया गया है। बुधवार को राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, कानून एंव व्यवस्था एन और रेड्डी का इस संबंध में कहना है कि राजपूत सेना के जरिए आयोजित रैली में आए लोगों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया जिसके बाद भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ गया। उन्होंने बताया की वह लोग हिंसा करने लग गए जिसके बाद भीड़ को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़ गए।
उन्होंने बताया है कि भीड़ द्वारा पथराव करने से पुलिसकर्मी भी घायल हो गए हैं। घायल हुई पुलिस में नागौर पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख समेत 6 पुलिसकर्मी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि अन्य लोग भी घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि घायल पुलिसकर्मी में से दो की हालत गंभीर बनी हुई है, जिन्हें अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है, दो पुलिस कर्मी लापता बने हुए हैं जिनकी तलाश की जा रही है।