नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने खेल जगत में एक बड़ा फैसला लिया है। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए अनुराग ठाकुर और अजय शिर्के को पद से बर्खास्त कर दिया। यानि कि अब अनुराग अध्यक्ष और अजय BCCI के सचिव पद पर कार्यरत नहीं होंगे। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि अनुराग ठाकुर ने कोर्ट में गलत हलफनामा दाखिल किया है जिसके चलते उन पर कोर्ट की अवहेलना का केस चलेगा। इसके अलावा राज्य संघो के पदाधिकारियों पर भी कार्यवाही की जाएगी।
इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि वरिष्ठ उपाध्यक्ष ही बीसीसीआई की अध्यक्षता करेंगे। बता दें कि अनुराग ठाकुर के खिलाफ ये कदम लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें लागू न करने पर कार्यवाही की गई। इस फैसले के आते ही लोढ़ा कमेटी सहित खेल जगत की कई हस्तियों ने इस फैसले का स्वागत किया है। जस्टिस लोढ़ा का कहना है कि ये क्रिकेट की जीत है। देश के कानून से कोई लड़ नहीं सकता। ये फैसला सभी खेलों के लिए एक मिसाल है , तो वहीं बिशन सिंह बेदी ने कहा, मैं फैसले से पूरी तरह संतुष्ट हूं।
जानिए क्या हैं लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें:-
बीसीसीआई और लोढ़ा कमेटी के बीच का गतिरोध कई महीनो से चला आ रहा है। पिछले साल की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को नई सिरे से खड़े करने के लिए न्यायमुर्ति लोढ़ा की अध्यक्षता में एक समिति गठित किया था जिसको यह जिम्मेदारी दी गई थी। समिति ने जो सिफारिशें की थीं, जिसको लागू करने को लेकर आज बात की गई है उसके अनुसार-
-बीसीसीआई के किसी भी पदाधिकारी की आयु 70 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
-बोर्ड में कार्यरत कोई भी पदाधिकारी सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए।
-बीसीसीआई की गवर्निंग काउंसिल में नियंत्रक और कैग के भी एक सदस्य के शमिल होने की बात पर जोर दिया गया था।
-सट्टेबाजों को लेकर संसद को सख्त कानून बनाने की भी बात कही गई थी।
-बीसीसीआई को आरटीआई के दायरे में लाने के लिए हर संभव नियम बनाने की भी बात कही गई थी।