नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान बेंच ने ट्रिपल तलाक के मसले पर सुनवाई शुरू कर चुकी है। शुरूआती सुनवाई में कोर्ट ने साफ किया है कि वो मुस्लिमों में हो रहे बहु-विवाह मामले पर सुनवाई नहीं करेगा। कोर्ट ने कहा है कि वो सिर्फ इस बात की सुनवाई करेगा कि आखिरकार तीन तलाक मुस्लिम महिलाओं के धर्म की स्वतंत्रता के तहत आता है या नहीं।
ऑल इंडिया शिया लॉ बोर्ड ने किया समर्थन
ऑल इंडिया शिया लॉ बोर्ड का कहना है कि भारत में तीन तलाक पर बैन लगना चाहिए। बोर्ड ने इस बात पर सहमति जताई कि ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून बनना चाहिए। इसके साथ ही बोर्ड का कहना है कि महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा करने के लिए एक अलग से कमेटी बनाई जानी चाहिए ताकि शोषण को खत्म किया जा सकें।
हम खुद ही खत्म कर देंगे तीन तलाकः मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
तीन तलाक पर जारी बवाल को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष डॉ. सईद सादिक ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा था कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इसे 18 महीनों के अंदर इसे खत्म कर देंगे। इसके साथ ही उन्होंने इम मसले पर सरकार के दखल अंदाजी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इस मामले में बाहर के दखल की जरूरत नहीं है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कर रहा है विरोध
तीन बार तलाक कहकर शादी खत्म करने के प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मांग की है कि तीन तलाक को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज किया जाना चाहिए। बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामें में यह बात कही है। हलफनामें में कहा गया है कि अगर इसे खत्म किया गया तो मर्द अपनी पत्नी से छुटकारा पाने के लिए उसे जलाकर मार सकता है या फिर उसका कत्ल कर सकता है।