अब कानून तोड़ना और कोर्ट की अवमानना करना धीरे धीरे हमारे कल्चर और खून में आ गया है। ऐसा कहना है सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जे एस खेहर का। जानकारी के अनुसार उन्होंने ऐसा शुक्रवार को एक सुनवाई के दौरान कहा है। दिल्ली के लाजपत नगर में एक इंस्टीट्यूट के हेड द्वारा घर की बिल्डिंग का कमर्शियल तौर पर इस्तेमाल करने के बाद ऐसी टिप्पणी उन्होंने दी है।
उन्होंने कहा है कि अगर आप एक तरक्की वाला देश बनना चाहते हैं तो कानून का पालन करना जरूरी होता है। जस्टिस खेहर के मुताबिक अगर कानून का पालन नहीं होता है सजा मिलेगी जरूर। इस केस को विजय माल्या केस के साथ जोड़ते हुए उनके द्वारा ऐसी टिप्पणी की गई है। दरअसल कमर्शियल तौर पर इमारत को इस्तेमाल कर रहे इंस्टीट्यूट हेड दिनेश खोसला के केस को एससी की टिप्पणी को विजय माल्या के कोर्ट की अवमानना करने से देखा जा रहा है। हाल ही में विजय माल्या का एक बयान जारी हुआ था जिसमें उन्होंने यूके में सुरक्षित रहने की बात कही थी। शराब कारोबारी और भारत से 9 हजार करोड़ रुपए लेकर फरार चल रहे विजय माल्या बार बार कोर्ट में पेशी को नकारते हैं। आपको बता दें कि जस्टिस खेहर का कार्यकाल 24 अगस्त को पूरा होने वाला है। ऐसे में उन्होंने अगले मुख्य न्यायाधीश के तौर पर अपने उत्तराधिकारी जस्टिस दीपक मिश्र का नाम प्रस्तावित किया है।