नई दिल्ली। बिहार में भले ही नीतीश सरकार ने आरजेडी और कांग्रेस से गठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बना ली हो लेकिन एक मुद्दे को लेकर आज भी नीतीश आरदोडी और कांग्रेस के साथ हैं। दरअसल उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव करीब आ रहे हैं। इस चुनाव मे जेडीयू किस के लिए वोट करेगी ये देखना हर किसी के लिए दिलचस्प होगा। पहले जेडीयू महागठबंधन का हिस्सा थी जिसमें आरजेडी और कांग्रेस भी शामिल थे और यूपीए और अन्य विपक्षी दलों ने उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं एनडीए ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता वेंकैया नायडू का अपना प्रत्याशी घोषित किया है।
बता दें कि जिस वक्त नीतीश कुमार महागठबंधन का हिस्सा थे तो उन्होंने तभी साफ कर दिया था कि उपराष्ट्रपति चुनाव में उनका समर्थन गोपालकृष्ण गांधी के साथ होगा। लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि नीतीश ने ये घोषणा उस वक्त की थी जब वो महागठबंधन में शामिल थे। लेकिन एक बार फिर पार्टी का यही कहना है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में जेडीयू का वोट गोपालकृष्ण को ही जाएगा। इस पर पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी का कहना है कि राष्ट्रपति पद के लिए हमारा विचार अभी भी वही है। बाकी आपको वक्त आने पर पता चल जाएगा। वहीं बिहार जेडीयू के वरिष्ठ नेता नारायण सिंह ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने पहले ही इस बात को साफ कर दिया था और हम इससे पीछे नहीं हटेंगे।
वहीं महात्मा गांधी के प्रपौत्र गोपालकृष्ण गांधी को यूपीए के 18 दलों का समर्थन हासिल है। माना जा रहा है कि उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के जरिए विपक्ष अपनी एकजुटता भी दिखाना चाहता है और 2019 के चुनाव के लिए गठबंधन की संभावनाएं तलाश रहा है। जानकारी के मुताबिक जेडीयू ने राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के पक्ष में वोट किया था कोविंद बिहार के ही राज्यपाल रहे हैं और जेडीयू ने पहले ही उनके समर्थन का ऐलान कर दिया था। ये बात और है कि उस वक्त जेडीयू महागठबंधन का हिस्सा थी और अब वो एनडीए की समर्थक है।