नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपराधी से नेता बने मोहम्मद शहाबुद्दीन को हत्या के एक मामले में मिली जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय की सदस्यता वाली पीठ ने शहाबुद्दीन को जमानत देने के पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने की मांग वाली एक याचिका पर भी नोटिस जारी किया। पीठ ने बिहार सरकार को शहाबुद्दीन को नोटिस भेजने का निर्देश दिया। साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए आगामी सोमवार यानी 26 सितंबर की तिथि निर्धारित की।
अदालत का आदेश चंद्रकेश्वर प्रसाद की याचिका पर आया, जिनके तीन बेटों की हत्या का आरोप शहाबुद्दीन पर है। बिहार सरकार ने शहाबुद्दीन को जमानत देने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है। बिहार सरकार ने शहाबुद्दीन के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए जाने का अनुरोध भी किया है।
बता दें कि याचिका के तहत अब ये केस सुप्रीम कोर्ट के अधीन है। प्रशांत भूषण द्वारा दायर याचिका में स्पष्ट किया गया है कि मुकदमा शुरू होने में देरी को आधार बना कर इस तरह के कुख्यात अपराधी को जमानत देना गलत था। इसके साथ ही चंदा बाबू ने आरोप लगाया कि शहाबुद्दीन की रिहाई से उनकी जान को खतरा उत्पन्न हो गया है, क्योंकि उनके दो बेटों की हत्या से संबंधित मामले में राजद नेता को पहले सजा सुनाई जा चुकी है। साथ ही उन्होने सुप्रीम कोर्ट से प्रार्थना की है कि वो हाई कोर्ट के फैसले पर तुरंत रोक लगाए और शहाबुद्दीन को जेल भेजे।