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SBI के अनुमान में अब मौजूद वित्त वर्ष की जीडीपी -11 तक हो सकती है

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  • भारत खबर || नई दिल्ली

हाल ही में मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में भारी गिरावट के बाद एक बड़ी आशंका जताई जा रही है कि इस वित्त वर्ष की जीडीपी लगभग -11 हो सकती है। यह आशंका जताते हुए एसबीआई SBI ने कहा है आने वाले समय में यह बेहद चिंता का विषय बन सकता है।

एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट बताती है कि इस वित्त वर्ष में जीडीपी की गिरावट में -6.8% की आशंका जताई जा रही थी लेकिन मौजूदा तिमाही में -23.9 परसेंट की भारी गिरावट के बाद अब यह आशंका लगभग 10.9 पर्सेंट हो गई है।

सरकार ने कुछ दिन पहले ही अप्रैल-जून की पहली तिमाही के जीडीपी आंकड़े जारी किए थे, जिसके अनुसार जीडीपी रिकार्ड 23.9 प्रतिशत नीचे आ गई। कोरोनावायरस के कारण लोग डाउन लगाए जाने के बाद जीडीपी में इतनी भारी गिरावट आई है इसकी वजह से आर्थिक गतिविधियों पर प्रभाव पड़ा था हर जगह बंदी हो जाने के कारण जीडीपी में भारी गिरावट आई जिसके बाद देश में हाहाकार मच गया विपक्षी पार्टियों ने मौजूदा सरकार की चुटकी भी ली थी।

पिछले वित्त वर्ष में जनवरी-मार्च की जीडीपी ग्रोथ 3.1 प्रतिशत रही, जबकि पिछले वर्ष इसी तिमाही में यह 5.2 प्रतिशत रही। रिसर्च रिपोर्ट की मानें तो वित्त वर्ष 2020-21 की चारों तिमाही में वास्तविक जीडीपी ग्रोथ निगेटिव रहेगी और -10.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

रिपोर्ट के अनुमान के मुताबिक दूसरी तिमाही में जीडीपी के -12 प्रतिशत से -15 प्रतिशत रहने का अनुमान है। तीसरी तिमाही में जीडीपी के -5 से -10 प्रतिशत और चौथी तिमाही में जीडीपी का -2 से -5 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है।

हालांकि इस बार उम्मीद थी प्राइवेट फाइनल कंजर्वेशन एक्सपेंडिचर (PFCE) की ग्रोथ कोरोना में कंजप्शन में कमी के कारण गिर गई है। इन आंकड़ों के बीच दो पॉजिटिव चीजें भी देखने को मिल रही है। पहला जुलाई के आरबीआई के सेक्टरवाइज क्रेडिट डाटा के अनुसार जुलाई में इंडस्ट्री के अलावा सभी मुख्य क्षेत्रों में क्रेडिट बढ़ा है। माइक्रो और स्मॉल इंटरप्राइजेज, कृषि और व्यक्तिगत लोन लोन क्रेडिट में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। दूसरा, पहली तिमाही में रोडवेज, बेसिक केमिकल, बिजली, अस्पताल और सीवेज पानी की पाइपलाइन क्षेत्रों में नए प्रोजेक्ट की घोषणा की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक कंस्ट्रक्शन व्यापार होटल और एविएशन सेक्टर को दोबारा से रिवाइव करने की जरूरत है।

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