नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के तीनों राज्यसभा उम्मीदवारों संजय सिंह, सुशील गुप्ता और एनडी गुप्ता को दिल्ली से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुन लिया गया है। राज्यसभा के लिए चुनाव अधिकारी ने तीनों उम्मीदवारों को निर्वाचित होने का प्रमाणपत्र सौंपा है। राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद संसद में आम आदमी पार्टी की ताकत बढ़ गई है क्योंकि अब उसके पास लोकसभा के मिलाकर संसद में कुल 7 सांसद हो गए हैं। माना जा रहा है कि दिल्ली के मुद्दों को लेकर केंद्र बनाम केजरीवाल की लड़ाई अब उच्च सदन में भी देखने को मिलेगी। राज्यसभा के लिए चुने गए तीनों सांसदों ने साफतौर पर कह दिया है कि दिल्ली प्रदेश के साथ केंद्र के सौतेले बर्ताव को अब वे राज्यसभा में जोरो-शोरो से उठाएंगे।
आपको बता दें कि पिछले दिनों राज्यसभा में सपा के सांसद नरेश अग्रवाल ने दिल्ली सरकार और एलजी के बीच जारी अधिकारों की जंग का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि दिल्ली सरकार को एलजी से ज्यादा अधिकार दिए जाने चाहिए। उन्होंने यहां तक कह डाला था कि दिल्ली के एलजी अनिल बैजल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ चपरासी की तरह सलूख करते हैं। नरेश अग्रवाल के इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद सीपीआई और तृणमुल कांग्रेस ने भी केजरीवाल के हक में आवाज बुलंद करते हुए उन्हें एलजी से ज्यादा अधिकार देने की वकालत की थी। इस दौरान केजरीवाल को दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन के उद्घाटन समारोह में न बुलाए जाने की भी आलोचना की गई थी। विपक्षी एकता के चलते ये तय माना जा रहा है कि आप के इन तीनों सांसदों को संसद में विपक्षी दलों का पूर्ण सहयोग मिलना तय माना जा रहा है।
वहीं राज्यसभ के लिए नवनिर्वाचित आप के सदस्यों ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि वे दिल्ली के हक की आवाज उठाएंगे। सांसद संजय सिंह ने कहा कि केंद्र, दिल्ली की आप सरकार के साथ सौतेला बर्ताव कर रही है। दिल्ली के अधिकारों को कुचलने की कोशिश की जा रही है। अब अगर दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार होगा तो अब तीनों सांसद दिल्ली की आवाज संसद में उठाएंगे। उन्होंने कहा, ‘तमाम समस्याएं दिल्ली के अलग-अलग कामों में आती हैं, जैसे हमारी सरकार अस्पताल बनाना चाहती है तो डीडीए जमीन नहीं देता है, स्कूल बनाना चाहते हैं तो जमीन नहीं देते हैं, व्यवस्था सुधारना चाहते हैं, लेकिन पुलिस हमारे हाथ मे नहीं है। दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने की हमने आवाज उठाई है लेकिन केंद्र सरकार ध्यान नहीं देती है। हम ये सारी बातें संसद के उच्च सदन में उठाएंगे।’