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हिंदू यात्रियों की जान बचाने वाले सलीम को मिलेगा दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान

slim हिंदू यात्रियों की जान बचाने वाले सलीम को मिलेगा दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान

नई दिल्ली। 10 जुलाई 2017 को अमरनाथ यात्रियों से भरी हुई बस पर हुई गोलीबारी में आतंकियों की चंगुल से बस को निकालकर ले जाने वाले गुजरात के शेख सलीम गफूर की बहादूरी को सलाम करते हुए सरकार उन्हें दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान उत्तम जीवन रक्षा पदक से सम्मानित करेगी। आपको बता दें कि पिछले साल जुलाई में हिंदू अमरनाथ यात्रियों से भरी बस पर आतंकवादियों ने हमला किया था। इस दौरान बस के चालक सलीम ने अपनी सूझ-बूझ से बस को आतंकियों के चुंगल से निकाल कर ले गए थे। हालांकि इस हमले में सात लोगों की मौत हो गई थी और 14 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

आतंकियों की फायरिंग रेंज से जैसे ही बस बाहर निकली उसमें बैठे 52 यात्रियों ने सकून की सास ली। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि जिस तरह खून की होली खेली गई थी। उस माहौल में सलीम की बहादूरी काबिले तारिफ थी। उनकी इसी बहादूरी के लिए उन्हें गणतंत्र दिवस के अवसर पर उत्तम जीवन रक्षा पदक के साथ एक लाख रूपये देकर सम्मानित किया जाएगा। आपको बता दें कि सरकार ने 2017 के लिए 24 लोगों को जीवन रक्षक पदक देने का फैसला लिया है। सलीम के अलावा ये पदक 12 और लोगों को मिलेगा, जबकी जीवन रक्षा पदक से इस बार सात लोगों को मरणोपरांत नवाजा जाना है। slim हिंदू यात्रियों की जान बचाने वाले सलीम को मिलेगा दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान

इनमें मिजोरम के एफ. लालछादामा, पुडुचेरी के पुगाजेंदी के, मध्य प्रदेश के बाबुल मार्टिन, दीपक साहू, बसंत वर्मा व दिल्ली के मास्टर सुप्रीत राठी, सत्यवीर शामिल हैं। बाबुल मार्टिन ने सतना जिले में दो बच्चों की जान तब बचाई थी जब बाढ़ प्रभावित जिले में एक इमारत ढह रही थी। 40 साल के बाबुल ने बच्चों को दूर फेंक दिया, लेकिन अपनी जान गंवा बैठे। अगले दिन के अखबारों में ह्रदय विदारक घटना के आखिरी क्षणों के फोटो प्रकाशित हुए थे। सीआरपीएफ के एएसआइ नंद किशोर को पुलिस बहादुरी पदक से नवाजा जा रहा है। तीन जून 2016 को बीएसएफ के जवानों से भरी बस को आतंकियों ने निशाना बनाया था।

नंद किशोर ने बहादुरी की मिसाल पेश करते हुए हमले को नाकाम बना दिया। गणतंत्र दिवस पर कुल 107 पुलिस बहादुरी पदक दिए जा रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा 38 जम्मू-कश्मीर के हिस्से में आए हैं।सीआरपीएफ को 35, छत्तीसगढ़ को दस, महाराष्ट्र को सात व तेलंगाना को छह पदक मिलेंगे। पदक जीतने वाले पांच आइपीएस अफसर हैं। इस दौरान 785 पुलिस पदक दिए जाएंगे। सात पुलि अधिकारियों को मरणोपरांत बहादुरी पदक मिलेंगे। इनमें छह छत्तीसगढ़ पुलिस से हैं। इन्होंने सुकमा जिले के चिंतागुफा इलाके में नक्सली आपरेशन को नाकाम करने में जान दे दी थी।

 

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