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सहारनपुर हिंसा: राजनीतिक षड्यंत्र से जुड़े हैं हिंसा के तार

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सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा के तमाम कारणों की चर्चा की जा रही है। लेकिन इस मामले में सहारपुर भेजे गए प्रदेश के आलाअफसरों और खुफिया विभाग की शासन को भेजी गई रिपोर्ट बेहद ही चौंकाने वाली है। सूत्रों से खबरें आ रही है कि राजनीतिक षड्यंत्र, सहारनपुर में हुई हिंसा का जिम्मेदार है। खबरों के मुताबिक निकाय व लोकसभा चुनाव में दलित-मुस्लिम गठजोड़ को मजबूत करने के लिए पिछले 34 दिनों में 5 बार जातीय हिंसा की साजिश रची गई है। जिसमें की घटनास्थल, हिंसा का प्रारूप, समय-सीमा से लेकर पात्र तक तय थे। सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा में सोशल मीडिया का भी काफी इस्तेमाल किया गया है।

सूत्रों के मुताबिक शासन को भेजी गई प्राथमिक रिपोर्ट में कई सनसनीखेज पहलू उभर कर सामने आए हैं, जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि 34 दिनों में 5 बार हुई जातीय हिंसा में सब कुछ तय था। रिपोर्ट के अनुसार, 20 अप्रैल को सड़क दूधली में हुई जातीय हिंसा के बाद हालात शांत हो गए थे। लेकिन 5 मई को थाना बड़गांव क्षेत्र के शब्बीरपुर-महेशपुर में हुआ बवाल राजनीतिक षड्यंत्र के कारण हुआ था। जिसको अंजाम देने के लिए कई दलों के 6 नेताओं ने बड़ी संख्या में बाहरी युवक दंगा भड़काने के लिए बुलाए थे।

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वहीं 9 मई को हुई 8 स्थानों पर हुई हिंसा का कारण महज गांधी पार्क में धरना देना था। सूत्रों के मुताबिक अगर हिंसा होनी ही थी तो गांधी पार्क या फिर किसी और जगह पर हो सकती थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और 8 स्थानों पर हिंसा हुई। यह इस बात का प्रमाण है कि हिंसा होना एक सोची समझी साजिश है। इस हिंसा की जांच में पुलिस जांच में भीम आर्मी का नाम उजागर हुआ है। वही भीम आर्मी के संस्थापक चन्द्रशेखर के विरुद्ध दो मुकदमे भी दर्ज हुए हैं।

6 नेताओं ने भीम आर्मी को दी सहायता
भीम आर्मी को आर्थिक सहायत देने वाले कई दलों के 6 नेताओं के नाम उजागर हुए हैं। इन नामों में एक अल्पसंख्यक कद्दावर नेता का नाम भी शामिल है। वही विभिन्न जनपदों से आए 18 अपर पुलिस अधीक्षकों, एसटीएफ व एटीएस ने इन नेताओं और उपद्रव करने वाले नेताओं का खाका तैयार किया है।

जल्द नेता होंगे गिरफ्तार
सूत्रो के मुताबिक साशन को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक षड्यत्रंकारी नेता एक सप्ताह के भीतर पुलिक की गिरफ्त में होंगे। वही भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर की गिरफ्तारी के लिए पांच टीमें लगाई गई हैं। वही रिपोर्ट को मद्देनजर रखते हुए सहारनपुर में सोशल मीडिया साइट्स और इंटरनेट बंद कर दिया गया है।

राहुल गांधी को नहीं मिली अनुमति
सहारनपुर हिंसा में पीड़ितों का हाल जानने के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती वहां पहुंची लेकिन मायावती के पहुंचने से पहले ही सहारनपुर में एक बार फिर से हिंसा शुरु हो गई थी। ऐसे में मैदान में उतरे राहुल गांधी को सहारनपुर के ताजा हालात को देखते हुए वहां जाने की अनुमति नहीं मिली है। राहुल गांधी सहारनपुर में पीड़ितों का हाल जानने के लिए जाना चाहते थे लेकिन सहारनपुर के हालात देखते हुए राहुल गांधी को वहां जाने की अनुमति नहीं मिली है।

 

WhatsApp Image 2017 05 24 at 11.43.49 AM 1 सहारनपुर हिंसा: राजनीतिक षड्यंत्र से जुड़े हैं हिंसा के तारप्रदीप शर्मा

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