नई दिल्ली। Loksabha election 2019 में तमाम प्रकार के बदलाओं का दौर जारी है ऐसे में साध्वी प्रज्ञा का जिक्र न हो तो कुछ अधूरा सा लगता है। हाल ही में आज तक ने साध्वी से बात की तो उन्होंने बताया कि वो धर्मयुद्ध लड़ने को तेयार हैं यदि पार्टी चाहे तो वो मैदान में उतर सकतीं है।
भोपाल लोकसभा सीट कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की वजह से हाई प्रोफाइल सीट मानी जा रही है यहां पर भाजपा की सुरक्षित सीट होने की वजह से अब तक कोई खतरा नहीं था लेकिन कांग्रेस ने अपने दिग्गज दिग्विजय को यहां से उतारकर इस सीट पर प्रत्याशियों के दिलों की धड़कनें बढ़ां दी हैं। इलेक्ट्रानिक चैनल आजतक ने साध्वी प्रज्ञा सिंह से बात की उन्होंने ने सीधे-सीधे तो नहीं माना कि उनका नाम फाइनल हो गया है लेकिन इशारों में ये जता दिया कि यदि संगठन का आदेश होगा तो वह ‘धर्मयुद्ध’ लड़ने को तैयार हैं।
जिस दिग्विजय सिंह ने हिंदू धर्म को पूरे विश्व में बदनाम किया, भगवा ध्वज को आतंकवाद का रूप बताया, अध्यात्म और त्यागमय जीवन पर आक्षेप किए और राष्ट्रधर्म को कलंकित किया उसके खिलाफ यदि मुझे चुनाव लड़ना पड़े तो पीछे नहीं हटूंगी।
-साध्वी प्रज्ञा सिंह
जब उनसे पूछा गया कि 2008 में मालेगांव विस्फोट में नाम आने के बाद आप सक्रिय राजनीति से दूर काफी समय तक जेल में रही हैं। ऐसे में सक्रिय राजनीति में वापसी और वह भी एक ताकतवर उम्मीदवार के खिलाफ जिसने अभी हाल में राज्य में कांग्रेस की सरकार लाने में भूमिका निभाई हो, कैसे संभव है? इस पर साध्वी ने जवाब दिया कि वे तो बचपन से राजनीति करती आ रही हैं।
अभी तक वे किंगमेकर की भूमिका में थी लेकिन अब यदि संगठन के आदेश पर किंग बनना पड़े तो वे इसके लिए तैयार हैं. वे एक राष्ट्रभक्त हैं और राष्ट्र के विरुद्ध बात करने वालों के लिए, पापी और दुरात्मा को समाप्त करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं. आज दिग्विजय सिंह भले ही अपने आसपास साधु-संन्यासियों की भीड़ लगाए हुए हैं लेकिन वह असली साधु संत हो ही नहीं सकते।
जब उनसे पूछा गया कि भोपाल लोकसभा टिकट के नाम की घोषणा कब होगी? तब साध्वी ने विश्वास से जवाब देते हुए कहा कि 16 अप्रैल को नॉमिनेशन शुरू होगा, उससे पहले ही पार्टी को घोषणा करनी पड़ेगी। गौरतलब है कि 23 मार्च को भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस ने राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह का नाम घोषित कर दिया है. उसके बाद से ही उनको चुनौती देने के लिए साध्वी प्रज्ञा सिंह का नाम जोर-शोर से उठना शुरू हो गया था. मालेगांव ब्लास्ट मामले में दोषमुक्त होने के बाद अब बीजेपी को भी कट्टर हिंदुत्व के चेहरे पर दांव लगाना भविष्य के लिहाज से सही लगता प्रतीत हो रहा है।