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कोर्ट की सुनवाई से पहले RSS का बयान,किसी भी कीमत पर राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए !

कोर्ट की सुनवाई से पहले RSS का बयान,किसी भी कीमत पर राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए !

राम जन्मभूमि केस में विवादित जमीन के स्वामित्व को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 29 अक्टूबर से नियमित सुनवाई शुरू हो रही है। ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने सुनवाई से 10 दिन पहले राममंदिर निर्माण को लेकर तल्ख रुख दिखाया है।आरएसएस के विजयादशमी उत्सव पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर निर्माण पर बयान जारी किया है।भागवत ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि किसी भी रास्ते से राम मंदिर का निर्माण जरूर होना चाहिए। उन्होंने कहा सरकार को इसके लिए कानून बनाना चाहिए।

 

कोर्ट की सुनवाई से पहले RSS का बयान,किसी भी कीमत पर राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए !
कोर्ट की सुनवाई से पहले RSS का बयान,किसी भी कीमत पर राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए !

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आरएसएस प्रमुख ने कहा कि राम हिंदुओं के ही नहीं बल्कि पूरे देश के हैं।उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम दोनों के लिए आदर्श हैं। संविधान की प्रति में भगवान राम का चित्र है। संघ प्रमुख ने कहा कि किसी भी मार्ग से बने लेकिन राम मंदिर बनना चाहिए। सरकार को इसके लिए कानून लाना चाहिए।भागवत ने कहा कि अगर राम मंदिर बनता है तो देश में सद्भावना का माहौल बनेगा। भागवत ने कहा कि लोग कहते हैं कि इनकी सत्ता है फिर भी मंदिर क्यों नहीं बना।

आरएसएस ने  विजयादशमी उत्सव मनाया

गुरुवार को संघ मुख्यालय नागपुर में आरएसएस की ओर से विजयादशमी उत्सव मनाया गया। इस कार्यक्रम में संघ प्रमुख के राममंदिर पर गए बयान से स्पष्ट है कि संघ मंदिर निर्माण के लिए इंतजार नही करना चाहता है।संघ ने सरकार और देश के लोगों को साफ संकेत दिए हैं कि राममंदिर किसी भी कीमत पर चाहिए।ऐसे में अगर सरकार राम मंदिर के लिए कानून नहीं लाती है तो सबरीमाला मामले पर भागवत का ये कहना कि धर्म से जुड़े मामले पर धर्माचार्यों की राय के बाद ही कोई फैसला लिया जाना चाहिए,वो बदलाव की बात को समझते हैं।

सबरीमाला  केस में कोर्ट के फैसले से लोगों में असंतोष

संघ प्रमुख ने कहा कि सबरीमाला में जिन्होंने याचिका डाली वो कभी मंदिर नहीं गए,जो महिलाएं कोर्ट के फैसले से असहमत होकर आंदोलन कर रही हैं वो आस्था को मानती है। कोर्ट के फैसले से स्थानीय लोगों पर असंतोष फैला है। महिलाएं ही इस परंपरा को मानती हैं।लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। इसी का नतीजा है कि महिलाएं भी विरोध कर रही हैं।

 राममंदिर के लिए आंदोलन के कयास

सबरीमाला मुद्दे में कोर्ट के फैसले के खिलाफ आंदोलन करने वाले लोगों के साथ संघ प्रमुख समर्थन को संकेत के रूप में देखा जा रहा है।बता दें कि अयोध्या मामले में कोर्ट का फैसला राममंदिर के खिलाफ रहा तो हिंदू समाज सड़क पर उतरकर आंदोलन कर सकता है।गौरतलब है कि राममंदिर मामले को लेकर संत समाज पहले से ही सरकार को दबाव मे ले रहा हैं। वहीं संघ प्रमुख का बयान सरकार के लिए सोचनीय स्थिति पैदा करने वाला है। देखना दिलचस्प होगा कि सरकार पर इन तमाम दबाव का क्या असर पड़ता है।

महेश कुमार यादव

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