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राम मंदिर निर्माण के लिए पहुंचे लाल पत्थरों के 2 ट्रक

लाल राम मंदिर निर्माण के लिए पहुंचे लाल पत्थरों के 2 ट्रक

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर आए दिन विवाद सामने आता ही रहता है। आए दिन राम मंदिर का निर्माण कार्य सुर्खिया बटोरता ही रहता है। ऐसे में सत्ता परिवर्तन के समय राम मंदिर समर्थकों में एक बार फिर से मंदिर के निर्माण की उम्मीद जगी है। लोगों का मानना है कि सत्ता बदलने से अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण अब और भी ज्यादा तेज हो जाएगा। लेकिन मंदिर निर्माण को आए दिन कोई ना कोई नया मुद्दा सामने आता रहता है। आए दिन राममंदिर से जुड़ा हुआ विवाद सामने आता ही रहता है। ऐसे में अब राम मंदिर में लगने वाले लाल पत्थर आने लगे हैं। सोमवार को राम मंदिर में लगने वाले लाल पत्थरों से लदे हुए 2 ट्रक अयोध्या पहुंचे हैं। जानकारी के अनुसार यह पत्थर राम मंदिर में लगाए जाने हैं। बता दें कि साल 2015 के बाद राम मंदिर में लगने वाले लाल पत्थर यहां पहुंचे हैं। साल 2015 में अखिलेश सरकार ने यहां पत्थर लाने पर रोक लगा दी थी। ऐसे में एक बार फिर से राम मंदिर में लगने वाले पत्थर यहां पर आने लग गए हैं।

लाल राम मंदिर निर्माण के लिए पहुंचे लाल पत्थरों के 2 ट्रक

राम मंदिर में लगने वाले लाल पत्थर राजस्थान से मंगवाए गए हैं और अब राम मंदिर निर्माण तेज होने की अटकलें लगाई जा रही है। सोमवार को वाणिज्य कर विभाग के जरिए फॉर्म 39 का प्रावधान पूरा करते हुए यह तराशे हुए पत्थर राजस्थान से लाए गए हैं। फॉर्म 39 पर सपा सरकार ने रोक लगा दी थी। सपा सरकार ने फॉर्म 39 पर रोक लगाने से इन पत्थरों को मंगवाने पर रोक लगा दी थी, लेकिन सत्ता परिवर्तन होने के बाद अब योगी सरकार ने इसे फिर से मंगवा लिया है। ऐसे में विहिप प्रांतीय मीडिया ने अखिलेश सरकार पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि राम मंदिर निर्माण में बाधा पहुंचाने के कारण वह दुबारा सत्ता में नहीं आ सके हैं।

उनका कहना है कि राम मंदिर निर्माण में रोड़ा बनने के कारण वह उन्होंने सत्ता से बाहर का रास्ता देखा है। और वह सत्ता से गायब हो गए हैं। उनका कहना है कि 30 अक्टूबर 1990 में राम मंदिर बनवाने का समर्थन करने वाले लोगों पर सपा के मुखिया मुलायह सिंह सत्ता में अब नजर ही नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह राम मंदिर निर्माण में उन्होंने बाधा डाली थी और वह सत्ता से बाहर हो गए थे ठीक उसी तरह अखिलेश यादव ने भी राम मंदिर निर्माण में बाधा डाली है और वह सत्ता से बाहर हो गए हैं।

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