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जन्म वर्षगांठ: इस वजह से मीना कुमारी को अनाथ आश्रम छोड़ आए थे पिता अली बक़्श

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नई दिल्ली। फिल्म की दुनिया में एक खास जगह बनाने वाली मीना कुमारी का असली नाम महजबीं बानो था। मीना का जन्म मुंबई में हुआ था। उनके पिता अली बक्श पारसी रंगमंच के एक मँझे हुए कलाकार थे और उन्होंने “ईद का चाँद” फिल्म में संगीतकार का भी काम किया था। उनकी माँ प्रभावती देवी भी एक मशहूर नृत्यांगना और अदाकारा थी। मीना कुमारी की बड़ी बहन शमा और छोटी बहन मधु भी फिल्म अभिनेत्री थीं। कहा जाता है कि दरिद्रता से ग्रस्त उनके पिता अली बक़्श उन्हें पैदा होते ही अनाथाश्रम में छोड़ आए थे

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डॉक्टर की फ़ीस देने के लिए नहीं थे पैसे

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सादगी भरी शख्सियत थे शशि कपूर

बता दें कि उनके डॉक्टर गड्रे को उनकी फ़ीस देने में असमर्थ थे। हालांकि अपने नवजात शिशु से दूर जाते-जाते पिता का दिल भर आया और तुरंत अनाथाश्रम की ओर चल पड़े। जब पिता उनके पास पहुंचे तो देखा कि नन्ही मीना के पूरे शरीर पर चीटियाँ काट रहीं थीं। अनाथाश्रम का दरवाज़ा बंद था, शायद अंदर सब सो गए थे। यह सब देख उस लाचार पिता की हिम्मत टूट गई,आँखों से आँसु बह निकले। झट से अपनी नन्हीं-सी जान को साफ़ किया और अपने दिल से लगा लिया। अली बक़्श अपनी चंद दिनों की बेटी को घर ले आए। समय के साथ-साथ शरीर के वो घाव तो ठीक हो गए किंतु मन में लगे बदकिस्मती के घावों ने अंतिम सांस तक मीना का साथ नहीं छोड़ा।

ये है टैगोर परिवार से संबंध

वहीं मीना कुमारी की नानी हेमसुन्दरी मुखर्जी पारसी रंगमंच से जुड़ी हुईं थी। बंगाल के प्रतिष्ठित टैगोर परिवार के पुत्र जदुनंदन टैगोर (1840-62) ने परिवार की इच्छा के विरूद्ध हेमसुन्दरी से विवाह कर लिया। 1862 में दुर्भाग्य से जदुनंदन का देहांत होने के बाद हेमसुन्दरी को बंगाल छोड़कर मेरठ आना पड़ा। यहां अस्पताल में नर्स की नौकरी करते हुए उन्होंने एक उर्दू के पत्रकार प्यारेलाल शंकर मेरठी (जो कि ईसाई था) से शादी करके ईसाई धर्म अपना लिया। हेमसुन्दरी की दो पुत्री हुईं जिनमें से एक प्रभावती, मीना कुमारी की माँ थीं।

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शुरूआती दौर में इन फिल्मों में किया था काम

महजबीं पहली बार 1939 में फिल्म निर्देशक विजय भट्ट की फिल्म “लैदरफेस” में बेबी महज़बीं के रूप में नज़र आईं। 1940 की फिल्म “एक ही भूल” में विजय भट्ट ने इनका नाम बेबी महजबीं से बदल कर बेबी मीना कर दिया। 1946 में आई फिल्म बच्चों का खेल से बेबी मीना 13 वर्ष की आयु में मीना कुमारी बनीं। मार्च 1947 में लम्बे समय तक बीमार रहने के कारण उनकी माँ की मृत्यु हो गई। मीना कुमारी की प्रारंभिक फिल्में ज्यादातर पौराणिक कथाओं पर आधारित थीं जिनमें हनुमान पाताल विजय, वीर घटोत्कच व गणेश महिमा प्रमुख हैं।

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