नई दिल्ली। टेरर फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और धर्म के आधार पर नफरत फैलाने वाले जाकिर नाइक को लेकर भारत को बड़ी कामयाबी मिली है। आरोप के बाद विदेश भागने वाले जाकिर नाइक को हाल ही में मलेशिया की एक मस्जिद से निकलते हुए देखा गया था, जिसके बाद भारत की सरकार ने मलेशिया की सरकार से संपर्क साधा था। मलेशिया की सरकार ने इस मामले को लेकर खुले तौर पर कह दिया है कि अगर भारत इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक को मांगेगा तो हम उसे भारत सरकार को सौंप देंगे। बता दें कि नाइक के खिलाफ धार्मिक कट्टरता फैलाने को लेकर एनआईए ने चार्जशीट दायर की हुई है।
इस बात की जानकारी देते हुए मलेशिय के उप प्रधानमंत्री अहमद जाहिद हमीदी ने वहां के निचले सदन में कहा कि अगर भारत सरकार जाकिर को प्रत्यार्पित करने की मांग करेगी तो हम उसे भारत को सौंप देंगे। उप प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी तक भारत ने जाकिर नाइक को प्रत्यार्पित करने कीं मांग हमसे नहीं की है। उन्होंने कहा कि जाकिर ने मलेशिया का कोई कानून नहीं तोड़ा है, इसलिए उसका पासपोर्ट रद्द नहीं किया जा सकता, जबकि भारत सरकार का कहना है कि इस मामले में एक चिट्ठी पहले से ही मलेशिया सरकार को भेजी जा चुकी है।
वहीं दूसरी तरफ जाकिर नाइक के मलेशिया में होने की बात सामने आने के बाद गृह मंत्रालय और एनआईए ने नाइक पर अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। 52 वर्षिय जाकिर नाइक मुस्लिम युवकों को कट्टरपंथता की तरफ धकेल रहा था और अपने भड़काउ भाषण से वो उन्हें अन्य धर्मों और देश के खिलाफ जहर उगलने के लिए भी कहता था। इन्ही आरोपो के कारण भारत सरकार ने एनआईए के द्वारा उसके खिलाफ एसआईटी दायर करवाने के साथ-साथ उसके इस्लामिक रिसर्ज फांउडेशन पर रोक लगा दी है। बताते चलें कि जाकिर नाइक उस समय चर्चा में आया जब ढाका में हमला करने वाले आतंकवादियों ने कहा था कि वो नाइक से प्रेरित है। इस मामले के उजागर होने के बाद जाकिर नाइक गिरफ्तारी के डर से देश छोड़ कर भाग गया था।