नई दिल्ली। आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में गठित मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी आज अपनी मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान करेगी। हांलाकि रेपो रेट में किसी तरह के बदलाव के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। जिसकी वहज एक तो 1 जुलाई से जीएसटी का लागू होना है तो दूसरी वजह आने वाला मानसून है। इसके चलते रेपो रेट में किसी तरह का आरबीआई कोई बदलाव नहीं करने वाली है। सूत्रों की माने तो आरबीआई अभी वेट एड वॉच ही करेगी। वो देखना चाहेगी कि जीएसटी और मानसून का क्या आर्थिक असर होता है।
मार्केट एक्सपर्ट के सूत्रों के मुताबिक आरबीआई के सामने कई बड़ी मुश्किलें मौजूद हैं। जैसे नोटबंदी के इतने दिन बीत जाने के बाद भी 500 और 1000 के नोटों की आमद लगातार बनी हुई है। हांलाकि ये नोट कोई जमा नहीं करा रहा है। बल्कि ईडी और पुलिस की छापेमारी में बड़ी संख्या में जरिए बैंक आरबीआई तक आ रहे हैं। मौजूदा हालात में आरबीआई आने वाले समय को देखकर अभी कोई ठोस निर्यण नहीं ले पा रही है।
इसके साथ ही मंहगाई दर में आई कमी और विकास दजर का पिछले दो सालों में अपने सबसे निचले पायदान पर होने के अलावा 1992 के बाद लोन की डिमांड में अचानक आई कमी प्रमुख कारण हैं। इसके साथ ही मार्केट एक्सपर्टों का कहना है कि आरबीआई के पास मौजूदा हालात में करीब 60 बिलियन डालर नगदी मौजूद है। अब मानसून की स्थिति को लेकर भी आरबीआई अभी थोड़ा प्रतीक्षा करना चाहो रही है। इसलिए मॉनेटरी पॉलिसी का तो ऐलान होगा ही लेकिन रेपो रेट में कोई बड़ा बदलाव नहीं देखने को मिलेगा।