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फार्मासिस्ट फेडरेशन ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र,कहा बढ़ाये जायें फार्मासिस्टों के पद

सुनील यादव फार्मासिस्ट फेडरेशन ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र,कहा बढ़ाये जायें फार्मासिस्टों के पद

लखनऊ। फार्मासिस्ट फेडरेशन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अस्पतालों में फार्मासिस्टों के पद बढ़ाये जाने की मांग की है। यह मांग फार्मासिस्ट फेडरेशन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देश पर पूरे प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को विधायकों एवं मंत्रियों द्वारा गोद लेकर उसकी व्यवस्था को सुदृढ़ करने पर लिया है। फेडरेशन का साफ कहना है कि विधायकों, मंत्रियों द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को गोद लेते समय वहां पर फार्मेसिस्टों के पद बढ़ाने की भी जरूरत है।

फार्मासिस्ट फेडरेशन ने मुख्यमंत्री आदित्य नाथ को पत्र लिखकर यह भी मांग की है कि समुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर उत्कृष्ट कार्य के लिए जनहित में फार्मेसिस्ट के अतिरिक्त पदों के सृजन किया जाना आवश्यक हैं । पत्र की प्रति मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव कार्मिक, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य, महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य को भी प्रेषित की गई है ।

फेडरेशन ने मुख्यमंत्री सहित सभी विधायकों एवं मंत्रियों का आभार व्यक्त किया है कि प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था को सुधारने हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति सुधारने की एक अच्छी पहल की जा रही है, लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की सबसे बड़ी समस्या वहां मानव संसाधन की कमी है, इसलिए वहां के भवनों की मरम्मत के साथ ही मानव संसाधन बढ़ाया जाना भी आवश्यक है । फार्मासिस्ट फेडरेशन (फार्मासिस्ट महासंघ) के अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि “मानव के मूल अधिकारों मे ‘राइट टू लाइफ’ की संवैधानिक व्यवस्था है। इस व्यवस्था में मानव जीवन को भौतिक, मानसिक और आत्मिक रूप से स्वस्थ रंखने का दायित्व सरकार का है।”

दो नहीं तीन फार्मासिस्टों की जरूरत

हमारे देश की अधिकांश जनता ग्रामीण क्षेत्रो में निवास करती है अतः प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जनहित को देखते हुए कार्य एवं आवश्यकतानुसार फार्मेसिस्ट के पदों के मानक में संशोधन किया जाना अनिवार्य है । सुनील यादव ने बताया कि प्रदेश में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) 24 घंटे सेवा देने वाला पहला रेफरल केंद्र होता है, जहां विशेषज्ञ देखभाल की व्यवस्था होती है ।

मानक के अनुसार वहां केवल 2 फार्मेसिस्ट के पद हैं जबकि 24 घंटे की 3 शिफ्ट सुबह 8 से 2, दोपहर 8 से रात 8, रात 8 से सुबह 8 तक सभी में एक फार्मेसिस्ट आकस्मिक सेवा एवं मेडिकोलीगल के लिए ड्यूटी रूम में रहना अनिवार्य है , लेकिन 2 लोगो से 24 घंटे ड्यूटी रूम में उपस्थिति व्यवहारिक ही नहीं है, इसलिए अक्सर एक फार्मेसिस्ट लगातार 24 से 36 घंटे अस्पताल में रहकर सेवा कर रहा है । वहीं औषधि भंडार, मेडिसिन काउंटर पर आने वाले मरीजो हेतु कम से कम 2 फार्मेसिस्ट, इंजेक्शन, ड्रेसिंग रूम, प्लास्टर रूम, माइनर ओटी में सेवाओ के लिए न्यूनतम 2 फार्मेसिस्ट होने ही चाहिए ।

राष्ट्रीय कार्यक्रमो में भी फार्मेसिस्टों की ड्यूटी लगाई जाती है । आवश्यकतानुसार वी आई पी ड्यूटी में एम्बुलेंस में भी फार्मेसिस्ट की ड्यूटी होती है ।  राष्ट्रीय कार्यक्रम नसबंदी,नलबंदी के दिन मरीजो को दवा वितरण के साथ ही कैम्प का प्रबंधन भी फार्मेसिस्ट द्वारा किया जाता है ।

इस प्रकार न्यूनतम 7 फार्मेसिस्टों के कार्य एवं दायित्व का निर्वहन मात्र 2 फार्मेसिस्टों द्वारा संचालित होने से जनता को उचित व गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाऐं उपलब्ध होने में निश्चित ही कठिनाई आती है ।

फेडरेशन के महामंत्री अशोक कुमार,  वरिष्ठ उपाध्यक्ष जे पी नायक, उपाध्यक्ष ओ पी सिंह, जनपद अध्यक्ष एस एन सिंह, डीपीए जनपद अध्यक्ष सुशील त्रिपाठी ने आशा व्यक्त की है कि मुख्यमंत्री द्वारा इस बिंदु पर ध्यान दिया जाएगा ।

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