नई दिल्ली। विमुद्रीकरण स्कीम के बाद से देश में आवाजें उठने लगी कि शादी के इस सीजन में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा, जिसके बाद भारत सरकार द्वारा ऐसे परिवारों को थोड़ी राहत देते हुए विवाह के लिए निकास राशि ढाई लाख कर दी गई। आरबीआई ने इस नियम को अब और सख्त करने का फैसला किया है, संशोधित स्कीम के अनुसार जिन परिवारों में शादी है और उन्हें बैंक से पैसे निकलवाने हैं, ऐसे लोगों को इसका ब्योरा देना होगा कि वो इस राशि के खर्च कहां और किस किस चीज के लिए कर रहे हैं।
रिजर्व बैंक ने अधिसूचना जारी की है जिसमें कहा गया है कि बैंक से शादी के लिए पैसा वह व्यक्ति या उसके माता-पिता ही निकाल सकते हैं, जिसका विवाह है, धन निकासी के समय उन व्यक्तियों की भी विस्तृत सूची देनी होगी जिसे राशि का भुगतान किया जा रहा है। वहीं साथ ही बैंक को जारी की जा रही सूची में यह भी दिखाना होगा कि किस मकसद से प्रस्तावित भुगतान किया जा रहा है।
इसके साथ ही आरबीआई ने कहा है कि बैंक ऐसे परिवारों को नकद के जगह एनईएफटी, आरटीजीएस, चौक, ड्राफ्ट या डेबिट कार्ड जैसे अन्य साधनों से भुगतान करने के की भी सलाह दें।