दुनिया में कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन तेजी से फैल रहा है। ऐसे में कई देशों के शोधकर्ताओं ने इस पर अध्ययन शुरू कर दिया है।
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इसी क्रम में इंपीरियल कॉलेज के शोध में एक बड़ी जानकारी यह सामने आई है कि ओमिक्रॉन, डेल्टा वैरिएंट से अधिक गंभीर हो सकता है। क्योंकि इसके कम गंभीर होने का अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है।
शोधकर्ता इसकी गंभीरता पता करने में जुटे
इस साल नवंबर के मध्य में दक्षिणी अफ्रीका के बोत्सवाना में वैज्ञानिक एक नए तरीके के वैरिएंट का पता लगाया था। वैज्ञानिकों को स्पाइक प्रोटीन में कई ऐसे म्यूटेशन्स दिखे जो पहले नहीं देखे गए थे। इसके तीन हफ्तों में ही वायरस का ये वैरिएंट 80 से अधिक देशों और अमेरिका के करीब 15 राज्यों में फैल चुका था।
डब्ल्यूएचओ ने क्या कहा ?
डब्ल्यूएचओ ने शुक्रवार को कहा, दुनिया के 91 देशों में अब तक ओमिक्रॉन के 27 हजार से अधिक मामले मिले हैं। दुनियाभर में लोग कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर दहशत हैं। ब्रिटेन और अमेरिका में ओमिक्रॉन के नए मामले आए दिन रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। इसलिए कोई भी देश इस मामले में कोई ढ़िलाई नहीं छोड़ना चाहता।
जर्मनी ने उठाया ये कदम
वहीं जर्मनी ने कोरोना मामले में फ्रांस, डेनमार्क को उच्च जोखिम वाले कोविड संचरण देशों में शामिल किया है। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बढ़ते कोरोना मामलों के कारण अमेरिका ने नेशनल फुटबॉल लीग को तीन हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया है।
91 देश, 27,000 से ज्यादा ओमिक्रॉन केस
डब्ल्यूएचओ ने शुक्रवार को कहा, दुनिया के 91 देशों में अब तक ओमिक्रॉन के 27 हजार से अधिक मामले मिले हैं। ब्रिटेन में कोरोना संक्रमणों के रोज बन रहे नए रिकॉर्ड ने हाहाकार मचा दिया है। ब्रिटिश सरकार के मुताबिक, एक दिन में संक्रमण के 93,000 नए मामले आए हैं।
ब्रिटेन ने बढ़ाई सख्ती
देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते मामलों को देख पीएम बोरिस जॉनसन के निर्देश पर शनिवार से सख्ती शुरू होगी। ओमिक्रॉन को लेकर दुनियाभर में सतर्कता के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चेताया है कि ओमिक्रॉन बहुत तेजी से फैलना शुरू हो जाएगा। उन्होंने अमेरिकियों को टीका लेने की अपील करते हुए कहा कि टीका न लेने वालों को सर्दियों में गंभीर नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने खुद लगाया टीका
जर्मनी के स्वास्थ्यमंत्री डॉ. कार्ल लॉतेरबाख हनोवर के एक टीकाकरण केंद्र का दौरा करने पहुंचे तो उन्होंने एक बच्ची को खुद वैक्सीन लगाई। डॉ. लॉतेरबाख मेडिकल अर्थशास्त्र के प्राध्यापक और महामारी विशेषज्ञ हैं। कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ने से डॉ. कार्ल को काफी लोकप्रियता मिली।