गुजरात के स्कूलों में 12वीं कक्षा के छात्रों को अजीबोगरीब शिक्षा दी जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां छात्रों को बताया जा रहा है कि सीता का अपहरण रावण ने नहीं बल्कि राम ने किया था। जी हां 12वीं की संस्कृत की किताब के पेज नंबर-160 पर लिखा है, “जब राम ने सीता का अपहरण कर लिया तो लक्ष्मण ने राम से कुछ बेहद मार्मिक बातें कहीं।”
गुजरात के बोर्ड ऑफ़ स्कूल टेक्सबुक्स के अध्यक्ष डॉ. नितिन पेठानी से जब इस बात को लेकर सवाल किए गए तो उन्होंने कहा कि ऐसा अनुवाद की गलती की वजह से हो गया। ये गलती संस्कृति के प्रसिद्ध कवि कालिदास की रचना ‘रघुवंशम्’ के अंश में हुई है। ये रिपोर्ट अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी है।
हालांकि मामला मीडिया में सामने आने के बाद गुजरात राज्य स्कूल पाठ्य पुस्तक बोर्ड (जीएसएसटीबी) ने कक्षा बारहवीं की पाठ्य पुस्तक में हुई इस गड़बड़ी की जांच का आदेश दिया है। गुजरात में कक्षा बारहवीं की पाठ्य पुस्तक कहती है कि सीता का ‘अपहरण’ राम ने किया था। बोर्ड ने कहा है कि संस्कृत से अंग्रेजी में अनुवाद के दौरान यह गडबड़ी हुई है और उसकी जांच कराई जाएगी।
एनडीटीवी के मुताबिक प्रख्यात संस्कृति कवि कालीदास द्वारा रचित महाकाव्य ‘ रघुवंशम’ के बारे में छात्रों को मूल समझ देने वाले एक अनुच्छेद में लिखा है, ‘‘जब सीता का अपहरण राम करते हैं तो लक्ष्मण राम को यह संदेश देते हैं। इसका बेहद मार्मिक वर्णन मिलता है।’’ कक्षा बारहवीं के अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों की पाठ्यपुस्तक में यह भयंकर गलती हुई है।
नितिन पेठानी ने का कहना है कि ‘त्याग’ शब्द का अंग्रेजी में अपहरण (एबडक्टेड) अनुवाद किया गया जबकि यह परित्याग (एबनडंड) होना चाहिए था। उन्होंने कहा, ”यह इस तरह मुद्रित होना चाहिए था जब ‘सीता का भगवान राम ने परित्याग किया।’ लेकिन अनुवाद की गड़बड़ी के चलते यह इस तरह मुद्रित हो गया जब ‘सीता का राम ने अपहरण किया।”