नई दिल्ली। शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन संसद के दोनों सदनों में जोरदार हंगामा देखने को मिला। राज्यसभा में कावेरी नदी पर बांध बनाए जाने के विरोध समेत अन्य मुद्दों पर एआईएडीएमके, डीएमके सांसदों समेत विभिन्न दलों के सदस्यों ने वेल में आकर प्रदर्शन किया। इसके बाद उच्च सदन की कार्यवाही को 10 मिनट बाद ही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही पूरे सदन ने मौन रखकर संसद हमले की बरसी पर शहीदों को याद किया। इसके बाद से सदन में लगातार हंगामा जारी रहा। सांसदों के व्यवहार से नाराज सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि सदन सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन चर्चा नियमों के मुताबिक ही की जाएगी।
बता दें कि हंगामा कर रहे सांसदों को फटकार लगाते हुए सभापति ने कहा कि आज हमारी और संसद की रक्षा करते हुए 9 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी और हम सभी ने उन्हें अभी श्रद्धांजलि दी है, कम से कम आज तो सदन की कार्यवाही को चलने दीजिए। उन्होंने कहा कि सभी सांसद अपनी सीट पर जाकर बैठ जाएं। इस हंगामे से खराब संदेश जाएगा। इसके बाद भी हंगामा न थमते देख सभापति ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी। लोकसभा में भी राम मंदिर, राफेल डील, आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग और कावेरी मुद्दों पर शिवसेना, कांग्रेस, टीडीपी और एआईएडीएमके के सांसदों ने हंगामा किया। लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ मिनटों बाद पहले 11.20 बजे तक, फिर 12 बजे तक और इसके बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
देश की संसद पर हुए आतंकी हमले की बरसी है। साल 2001 में आज ही के दिन 5 बंदूकधारियों ने संसद परिसर पर हमला कर वहां अंधाधुंध गोलियां बरसाईं थीं। इस हमले में दिल्ली पुलिस के 5 कर्मियों, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक महिला अधिकारी, संसद भवन के दो वॉच और वार्ड कर्मचारी, एक माली और एक कैमरामैन की मौत हो गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद हमले में शहीद हुए लोगों को गुरुवार को श्रद्धांजलि दी और उनकी वीरता को सलाम करते हुए कहा कि उनकी बहादुरी लोगों को प्रेरणा देती है। इसके अलावा तमाम सांसदों ने संसद परिसर में शहीदों की तस्वीरों पर फूल चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।