नई दिल्ली। राज्यसभा ने गुरुवार को जीएसटी से जुड़े चारों विधेयक बिना किसी संशोधन के पारित कर लोकसभा को लौटा दिए जिससे 1 जुलाई से अबतक के सबसे बड़े कर सुधार के लागू होने का रास्ता साफ हो गया है। चार विधेयक केन्द्रीय माल और सेवा कर विधेयक, 2017, एकीकृत माल और सेवा कर विधेयक, 2017, सामान और सेवा कर (राज्यों के लिए मुआवजा) विधेयक, 2017 और संघ राज्य सामग्री और सेवा कर विधेयक, 2017 हैं।
विधेयकों पर बहस का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उन्हें यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि इस विधेयक के लिए किसी एक व्यक्ति या एक सरकार को श्रेय नहीं दिया जा सकता। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जीएसटी विधेयकों के पारित होने को ऐतिहासिक बताया है।
लोकसभा ने पिछले महीने इनपर अपनी मोहर लगा दी थी। अब राज्य विधानसभाओं को उनसे संबंधित राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) कानून पर विचार कर उन्हें पारित कराना है। जीएसटी परिषद ने पहले ही 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की एक 4-स्तरीय दर संरचना और डिमरेट और विलासिता के सामान के लिए शीर्ष दर पर एक उपकर को मंजूरी दे चुकी है।