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तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे डॉ. नरोत्तम मिश्रा- राजेन्द्र भारती

Untitled 184 तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे डॉ. नरोत्तम मिश्रा- राजेन्द्र भारती

भोपाल। मध्य प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा के 2008 के विधानसभा चुनाव को शून्य घोषित करने के चुनाव आयोग के फैसले ने प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर उझाल ला दिया है। प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को राज्य में फिर से अपनी जड़ें मजबूत करने के लिए जहां एक नया मुद्दा मिल गया है वहीं आम आदमी पार्टी समेत कई राजनीतिक दलों की इस मामले में प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

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कांग्रेस समेत सभी पार्टियों ने जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा से इस्तीफे की मांग की है, तो वहीं, डॉ. मिश्रा के खिलाफ पेड न्यूज का मामले की शिकायत चुनाव आयोग से करने वाले दतिया के पूर्व विधायक राजेंद्र भारती ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि डॉ. मिश्रा को अब पद पर रहने का नैतिक अधिकार नहीं है उन्हें तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

पूर्व विधायक राजेन्द्र भारती ने कहा कि चुनाव आयोग के निर्णय से साफ हो गया है कि जो भी राजनेता चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करता है और चुनाव में अनैतिक तरीके से हडकंडे अपनाता है, उनके लिए यह बहुत बड़ा सबक है। अब मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को नैतिक और कानूनी आधार पर विधायक पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। अब उन्हें विधायक पद के साथ-साथ मंत्री पद से भी तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। भारती ने इस मामले में डॉ. मिश्रा के खिलाफ मिली अपनी जीत को अपनी मां को समर्पित करते हुए भावुक अंदाज में कहा कि चुनाव आयोग के फैसले से उन्हें जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई तो नहीं हो पाएगी, लेकिन अनैतिक तरीके से चुनाव लड़ने वाले राजनेताओं को इससे सबक लेना चाहिए।

बता दें कि चुनाव आयोग ने वर्ष 2008 में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान पेड न्यूज मामले में प्रदेश शासन के मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। शनिवार को पेड न्यूज मामले में चुनाव आयोग का महत्वपूर्ण फैसला आया है, जिसमें जिसमें प्रदेश के जनसंपर्क, जल संसाधन एवं विधायी कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के चुनाव को शून्य घोषित कर दिया है। इस फैसले के बाद डॉ मिश्रा का मंत्री पद के साथ-साथ विधायकी भी छीन ली जाएगी और वे तीन साल तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।

जानकारी के मुताबिक दतिया विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक राजेन्द्र भारती ने वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में डॉ. नरोत्तम मिश्रा पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए अखबारों में पैसे देकर खबरें छपवाई थीं और इस मामले की शिकायत उन्होंने चुनाव आयोग से की थी।

उन्होंने शिकायत में चुनाव आयोग को यह भी कहा था कि डॉ. मिश्रा ने चुनाव खर्च का हिसाब नहीं दिया है, इसलिए उन्हें अयोग्य घोषित किया जाए। इस मामले में चुनाव आयोग ने वर्ष 2013 में नरोत्तम मिश्रा को बुलाया था। उस दौरान पूछताछ के बाद इस मामले में कार्रवाई से बचने के लिए डॉ. मिश्रा ने हाईकोर्ट में एक याचिका भी लगाई, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। अब इस मामले में चुनाव आयोग ने डॉ. मिश्रा का वर्ष 2008 का विधानसभा चुनाव शून्य घोषित कर दिया।

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