नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मामले में आज उच्चतम न्यायलय में सोनिया और राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसके बाद न्यायालय ने आयकर विभाग को राहुल गांधी, सोनिया गांधी और कांग्रेस नेता ऑस्कर फर्नांडिज के वित्त वर्ष 2011-12 के लिए आयकर का मूल्यांकन फिर से शुरू करने के साथ कार्रवाई शुरू करने की अनुमति दे दी है।
सोनिया-राहुल ने दी थी चुनौती
न्यायालय ने हालांकि उसके समक्ष मामला लंबित रहने तक आयकर विभाग को अपनी कार्यवाही पर लिया गया फैसला लागू करने से रोक दिया है। सोनिया और राहुल ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने सितंबर में दोबारा दोनों के आयकर दस्तावेजों की जांच पर रोक लगाने से मना कर दिया था।
सोनिया-राहुल की याचिका खारिज
10 सितंबर को दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनके द्वारा दाखिल की गई याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि आयकर विभाग को टैक्स प्रक्रिया की दोबारा जांच करने का अधिकार है। अदालत ने कहा था कि यदि याचिकाकर्ताओं को कोई शिकायत है तो वह इसके खिलाफ वह विभाग में जा सकते हैं।
नेशनल हेराल्ड मामले की जांच भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत पर शुरू हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि 2010 में राहुल और सोनिया गांधी ने यंग इंडिया लिमिटेड नाम की एक कंपनी बनाई और इसके जरिए पंडित नेहरू की स्थापित एसोसिएट्स जर्नल लिमिटेड (एजेएल) की संपत्तियों का अधिग्रहण कर लिया।
यंग इंडिया कंपनी के 83.3 फीसदी शेयर राहुल और सोनिया, 15.5 फीसदी मोतीलाल वोरा और 1.2 फीसदी ऑस्कर फर्नांडीज के पास हैं। स्वामी का आरोप है कि बंद हो चुके नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करने वाली एजेएल कंपनी के शेयरों का लेनदेन करने से गांधी परिवार को 1300 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचा है।