नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि वह अपने उस बयान पर कायम हैं कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि वह केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के वैचारिक मार्गदर्शक आरएसएस के कथित अवमानना मामले की सुनवाई का सामना करने को तैयार हैं। राहुल गांधी के वकील कपिल सिब्बल ने अदालत से कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष अपनी उस बात पर कायम हैं जो उन्होंने आरएसएस और 1948 में हुई महात्मा गांधी की हत्या के बारे में कही थी।
राहुल गांधी ने सर्वोच्च न्यायालय से वह याचिका वापस ले ली, जिसमें महाराष्ट्र की एक निचली अदालत द्वारा अवमानना की कार्यवाही रद्द करने की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति दीपक मिश्र और रोहिंगटन फली नरीमन ने उस याचिका को वापस लेने की अनुमति दे दी, लेकिन राहुल गांधी को निचली अदालत में पेशी से छूट नहीं दी।
आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुंटे ने कांग्रेस नेता राहुल के खिलाफ वर्ष 2014 की एक चुनावी रैली में दिए उस बयान को लेकर अवमानना वाद दायर किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि आरएसएस से जुड़े लोगों ने महात्मा गांधी की हत्या की थी। राहुल गांधी अपने खिलाफ चल रहे अवमानना के मामले में बंबई उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप न करने के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
राहुल ने पिछले हफ्ते अपने वकील के जरिए सर्वोच्च न्यायालय से कहा था कि उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को नहीं, बल्कि उससे जुड़े लोगों को जिम्मेदार ठहराया था। नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी, 1948 को दिल्ली में राष्ट्रपिता के सीने को गोलियों से छलनी कर दी थी। वह आरएसएस का सदस्य रहा था, लेकिन बापू को गोली मारने से पहले वह आरएसएस छोड़ चुका था, इसलिए आरएसएस से जुड़े लोगों को यह कहने पर आपत्ति है कि बापू की हत्या इसी संगठन ने करवाई थी।