जेएनयू में एक बार फिर से छात्रों के बीच झगड़े शुरू हो गए हैं। इस बार यह झगड़ा एक फिल्म के प्रदर्शन को लेकर हुआ है। फिल्म का नाम ‘इन द नेम ऑफ लव जेहाद’ है। जिसकी स्क्रीनिंग के दौरान छात्रों के बीच झगड़ा शुरू हो गया। पिछले कुछ सालों में लव जेहाद का नाम देश में काफी गूंज रहा है। ऐसे सेंसिटिव टॉपिक पर फिल्म के प्रदर्शन पर परिसर के भीतर छात्र संगठन आपस में भिड़ गए। फिल्म स्क्रीनिंग के दौरान तोड़फोड़ और हाथापाई भी हुई।
इस फिल्म की स्क्रीनिंग विवेकानंद विचार मंच द्वारा साबरमती ढाबे के पास की जा रही था। जवाहर लाल नेहरू छात्र संगठन (जेएनएसयू) ने घटना की निंदा करते हुए कहा है कि फिल्म की स्क्रीनिंग करने वाला मंच अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से ही जुड़ा एक संगठन है। जो माहौल बिगाड़ने की मंशा से ही ऐसा कर रही है। परुसर के अंदर माहौल ठीक करने में जेएनयू प्रशासन भी नाकाम है।
विश्वविद्यालय परिसर में भिड़ंत और हाथापाई की सूचना पाकर वसंत कुंज नार्थ थाने की पुलिस भी विश्वविद्यालय पहुंची। हालांकि, खबर लिखे जाने तक पुलिस परिसर के अंदर नहीं जा सकी थी। फिल्म का प्रदर्शन साबरमती ढाबे के पास किया जा रहा था।
जेएनएसयू ने आरोप लगाते हुए कहा है कि एबीवीपी के जरिये पूरे देश में यूनिवर्सिटी परिसरों में ऐसे ही काम किए जा रहे हैं। दूसरी तरफ एबीवीपी के सौरभ शर्मा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है। वामपंथी छात्रों ने जान बूझकर फिल्म की स्क्रीनिंग को बंद करने की कोशिश की। तोड़फोड़ व कार्यकर्ताओं से हाथापाई भी की। सौरभ शर्मा ने जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष मोहित पांडेय और जेएनयू अध्यक्ष गीता कुमारी व आमिर पर एक गार्ड को रौंदने व छात्र कार्यकर्ताओं के कपड़े फाड़ने का भी आरोप लगाया है।