लखनऊ। रायबरेली में सामूहिक हत्याकांड के विरोध में रविवार को करीब डेढ़ दर्जन संगठन सड़क पर उतर आए और प्रदर्शन किया। हजरतगंज स्थित महात्मा गांधी पार्क और लक्ष्मण मेला मैदान में एकजुट हुए संगठनों ने योगी आदित्यनाथ सरकार से हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग की। इसी बीच विधान भवन का घेराव करने निकले ‘ब्राह्मण महासभा’ के करीब एक दर्जन सदस्यों को पुलिस ने हिरासत में लेकर पुलिस लाइन भेज दिया। प्रदर्शन में सपा विधायक मनोज पाण्डेय और इसी पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक वाजपेयी भी शामिल हुए।
बता दें कि रायबरेली की घटना में पीड़ित परिजनों को न्याय दिलाने के लिए रविवार को प्रदर्शनकारी सुबह से ही राजधानी में एकजुट हुए। प्रदर्शन में शामिल ‘ब्राह्मण महासभा’ के लोग दोपहर बाद महात्मा गांधी पार्क से विधान भवन का घेराव करने चल दिए। पुलिस कर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझाकर शांत कराने की कोशिश की लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थे। इस बीच दोनों पक्षों में कहासुनी व धक्का-मुक्की भी हुई। मामला बिगड़ता देख पुलिस ने एक दर्जन प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। इस सभी को पुलिस लाईन भेज दिया गया है।
वहीं ‘ब्राह्मण महासभा’ के मोनू दूबे ने रायबरेली जिले के ऊंचाहार में पांच लोगों की निर्मम हत्या की निंदा की। उन्होंने कहा कि हत्यारों को फांसी की सजा दी जाए। दूबे ने इस मामले में अपराधियों को शह देने वाले मंत्री की बर्खास्तगी के साथ मृतक आश्रितों को एक-एक करोड़ रूपए और सरकारी नौकरी देने की मांग की। ‘स्वर्ण भारत परिवार’ के चेयरमैन पीयूष पंडित ने कहा कि लचर कानून व्यवस्था के चलते इतनी बड़ी घटना घटित हुई। उन्होंने दस दिन में पीड़ित परिजनों को न्याय नहीं मिलने पर देश भर में आंदोलन की चेतावनी दी। प्रदर्शन में राष्ट्र मनु आर्मी, ब्राह्मण विकास प्रतिष्ठान, ब्राह्मण युवजन सभा, आरक्षण संघर्ष समिति सहित डेढ़ दर्ज संगठन शामिल रहे।